आरक्षण के विरोध में आज भारत बंद, MHA ने सभी राज्यों को गश्त बढ़ाने के दिए निर्देश
मंत्रालय ने खासतौर से राज्य सरकारों को जिला मजिस्ट्रेट और जिला पुलिस प्रमुखों को उनके अधिकार क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार बनाए जाने के लिए कहा है।
नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (SC/ST) के भारत बंद के दौरान हुए संघर्ष के विरोध में सोशल मीडिया पर विभिन्न आरक्षण विरोधी संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के मद्देनजर सभी राज्य सरकारों से किसी तरह की हिंसा व जान-माल के नुकसान से बचने के लिए विशेष रूप से सतर्क रहने के लिए कहा है।
सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने खासतौर से राज्य सरकारों को जिला मजिस्ट्रेट और जिला पुलिस प्रमुखों को उनके अधिकार क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार बनाए जाने के लिए कहा है।
राज्यों को सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत करने और जरूरत पड़ने पर निषेधाज्ञा जारी करने सहित किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए उचित व्यवस्था करने की सलाह दी गई है।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी तरह के जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए राज्यों को सभी संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद राजस्थान और मध्यप्रदेश के कई इलाक़े में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
Security tightened in Bhopal after a call for #BharatBandh tomorrow. MHA had issued an advisory that some groups would be protesting against caste-based reservations in jobs and education. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/EGeyAYK4uM
— ANI (@ANI) April 9, 2018
भोपाल में बंद को देखते हुए मंगलवार से धारा 144 लागू कर दी गई है। हालांकि सभी स्कूल खुले रहेंगे। मामले की गंभीरता को देखते हुए 6000 पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है।
इसके साथ ही सायबर सेल को भी सभी सोशल प्लेटफॉर्म पर नज़र बनाए रखने को कहा गया है। इतना ही नहीं अगर किसी व्यक्ति द्वारा कोई भड़काऊ पोस्ट फैलाने का मामला सामने आता हो तो उनपर कार्रवाई के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
मध्यप्रदेश पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने 10 अप्रैल को संभावित भारत बंद के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, 'हमारी सभी नागरिकों से अपील है कि वे शांति और सद्भाव बनाये रखें। हालांकि, हम किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिये तत्पर हैं।'
उन्होंने कहा, 'समाज के अलग-अलग समुदायों में मतभिन्नताएं हो सकती हैं लेकिन इन्हें हिंसा में परिवर्तित नहीं होना चाहिये। प्रदेश के लिए अमन-चैन का माहौल आवश्यक है।'
गौरतलब है कि दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र में अलग-अलग हिंसक घटनाओं में आठ लोग मारे गये थे। इनमें भिण्ड जिले के चार, ग्वालियर के तीन और मुरैना का एक व्यक्ति शामिल हैं। इन घटनाओं में 54 पुलिसकर्मी सहित 153 लोग घायल हो गए थे।
भारत बंद के दौरान संगठित हिंसा से पुलिस के खुफिया तंत्र पर भी सवाल उठे थे। यह बंद अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को कथित तौर पर कमजोर करने के प्रयासों के खिलाफ बुलाया गया था।
और पढ़ें- गृह मंत्रालय का निर्देश, 10 अप्रैल को आरक्षण विरोध में बुलाए गए भारत बंद के लिए सभी राज्य रहें सतर्क
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