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अनिल अंबानी अदालत की अवमानना के दोषी करार, चार हफ़्ते में चुकाएं 453 करोड़ वरना जाना होगा जेल

कोर्ट ने इसके साथ ही रिलायंस की तीनों कंपनियों रिलायंस कम्युनिकेशन, रिलायंस टेलीकॉम और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर पर एक-एक करोड़ का जुर्माना भी लगाया है

Updated on: 20 Feb 2019, 03:23 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी, रिलायंस कम्युनिकेशन के CEO सतीश सेठ और डायरेक्टर छाया विरानी को अदालत की अवमानना का दोषी करार दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम, एरिक्सन को चार हफ्ते के अंदर 453 करोड़ दे अन्यथा अनिल अंबानी को तीन महीने के लिए जेल जाना होगा. कोर्ट ने इसके साथ ही रिलायंस की तीनों कंपनियों रिलायंस कम्युनिकेशन, रिलायंस टेलीकॉम और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर पर एक-एक करोड़ का जुर्माना भी लगाया है कोर्ट ने रिलायंस कॉम की बिना शर्त माफी की मांग को भी ठुकरा दिया. कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नही कि रिलांयस ने जान बूझकर कर्ज अदायगी नहीं की है, कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है.

क्या है मामला 

मामला अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम पर एरिक्सन के 550 करोड़ रुपए के कर्ज का है. कोर्ट के आदेश के मुताबिक ये रकम 30 सितंबर तक चुका देनी थी . लेकिन ऐसा नही हुआ, लिहाजा एरिक्सन ने अवमानना याचिका दायर की थी. कोर्ट के आदेश पर अनिल अम्बानी कोर्ट में पेश हुए थे.13 फरवरी को कोर्ट ने एरिक्सन और अनिल अंबानी की ओर से पेश वकीलों की ओर से जिरह सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

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एरिक्सन कंपनी की दलील

एरिक्सन कंपनी की ओर से वकील दुष्यन्त दवे ने दलील थी कि अनिल अंबानी के पास हज़ारो करोड़ो की निजी सम्पति है, वो एक राजा की तरह बड़े महल में रहते है, प्राइवेट जेट में उड़ान भरते है.फिर भी ऐसा शख्स 550 करोड़ नहीं चुका सकता. दवे ने कहा कि अंबानी के पास राफेल के लिए रकम है. एक ऐसा शख्स जो हर संभव प्रोजेक्ट में शामिल है, उसके पास देनदारी चुकाने के लिए 550 करोड़ रुपये नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के पेमेंट चुकाने के दिये आदेशों से साफ है कि आरकॉम को 550 करोड़ चुकाने थे. दवे ने एसबीआई चेयरमैन के खिलाफ भी अदालत की अवमानना का मामला चलाने की मांग की थी.

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अनिल अंबानी की ओर से दलील

अनिल अंबानी की ओर से पूर्व अटॉनी जनरल मुकुल रोहतगी पेश हुए थे. रोहतगी ने कहा- रिलायंस कम्युनिकेशन बुरे हालात का शिकार हुई. ये एक लिस्टेड कंपनी है, जिसके बड़ी सँख्या में शेयर धारक है.भुगतान में हुई कमी के लिए एक व्यक्ति को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.मुकल रोहतगी ने कहा कि एरिक्सन को पेमेंट को लेकर कोई बिना शर्त अंडरटेकिंग रिलांयस कॉम की ओर से सुप्रीम कोर्ट को नहीं दी गई. कंपनी का कहना था कि अगर जियो के साथ सौदा हो गया, तो भुगतान हो जातेगा और ये डील नहीं हो पाई.

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सिब्बल की दलील

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी जिरह की. हालाँकि उन्होंने साफ किया, वो अनिल अंबानी नहीं, रिलायंस के 2 अधिकारियों के लिए जिरह कर रहे हैं. सिब्बल ने दलील दी कि एरिक्सन का बकाया इसलिए नहीं चुकाया गया, क्योंकि आरकॉम का रिलायंस जियो के साथ स्पेक्ट्रम बिक्री का सौदा टूट गया.