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BJP को दोहरा झटका: सरकार से अलग होने के बाद NDA से अलग हुई TDP

पिछले हफ़्ते ही टीडीपी ने केंद्र सरकार से अलग होने का फ़ैसला किया था। जिसके बाद उनके दो सांसदों अशोक गजपति राजू और वाईएस चौधरी ने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दिया था।

Updated on: 16 Mar 2018, 03:17 PM

नई दिल्ली:

2019 लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू होने से पहले ही बीजेपी को एक बड़ा झटका लगा है।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू की पार्टी टीडीपी ने एनडीए से अलग होने का फ़ैसला किया है।

बता दें कि पिछले हफ़्ते ही टीडीपी ने केंद्र सरकार से अलग होने का फ़ैसला किया था। जिसके बाद उनके दो सांसदों अशोक गजपति राजू और वाईएस चौधरी ने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दिया था।

बताया जा रहा है कि टीडीपी आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न दिये जाने की वजह से नाराज है और इसी वजह से शुक्रवार को अलग होने का फैसला लिया।

इस बारे में जानकारी देते हुए टीडीपी सांसद थोटा नरसिम्हन ने कहा, 'हमने एनडीए से अलग होने का फ़ैसला किया है। हमारी पार्टी आज संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।'

वहीं आंध्रप्रदेश सीएम कार्यालय से इस बारे में पुष्टि करते हुए कहा गया, 'टीडीपी ने आंध्रप्रदेश के साथ हो रहे अन्याय को देखते हुए एनडीए से समर्थन वापस लेने का फ़ैसला किया है। चंद्रबाबू नायडू ने पोलित ब्यूरो और सांसदों की अपातकालीन टेलीकांफ्रेस बैठक बुलाई थी जहां सर्वसम्मति से यह फ़ैसला लिया गया। टीडीपी आज संसद में एनडीए के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव भी लाएगी।'  

वहीं बीजेपी से राज्यसभा सांसद मुख़्तार अब्बास नक़वी ने टीडीपी के अलग होने और अविश्वास प्रस्ताव लाने पर कहा, 'देखते हैं संसद में क्या होता है, कौन सी पार्टी किसके पक्ष में जाती है। सभी राज्यों के अलग-अलग मुद्दे और मांग हैं इसलिए इस पर कुछ भी कहना ठीक नहीं है। यह एक रिवाज है जब सदन में लोकसभा चुनाव से पहले का रिहर्सल होता है।'

बता दें कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर वाईएसआर कांग्रेस की ओर से शुक्रवार को संसद में लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव का भी टीडीपी ने समर्थन करने का ऐलान किया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा है कि टीडीपी बीजेपी सरकार के खिलाफ लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देगी।

उन्होंने कहा, 'हम अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देंगे, उसे चाहे जो लेकर आए। हम इसके लिये तैयार हैं और हमारे 16-17 सांसद इसका समर्थन करेंगे। हम राज्य के अधिकार के लिये जो भी लड़ेगा उसका समर्थन करेंगे।'

नायडू ने कहा, 'टीडीपी NDA-1 का भी हिस्सा थी। हमें सत्ता का लालच नहीं है। वाजपेयी जी ने टीडीपी को 6 मंत्रियों का ऑफर दिया था, लेकिन हमने उसे स्वीकार नहीं किया। वह बड़े मुद्दों पर हमसे सुझाव लेते थे। स्वर्ण चतुर्भुज परियोजना हमसे चर्चा के बाद ही शुरू हुई थी।'

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