AN-32 भारतीय वायुसेना (Air Force) के लिए क्यों है खास, जानें पूरी Details
3 जून को एएन-32 विमान ने असम के जोरहाट एयरबेस से चीनी सीमा के नजदीक अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले के मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए उड़ान भरी थी. विमान का दोपहर 1.30 बजे ग्राउंड स्टाफ से संपर्क टूट गया था.
highlights
- AN-32 की पर्वतीय इलाकों में सैनिकों को पहुंचाने, सामान ढोने में महत्वपूर्ण भूमिका
- AN-32 परिवहन विमान को 1986 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था
- मंगलवार को 3 जून को लापता एएन-32 विमान का मलबा अरुणाचल प्रदेश में मिला
नई दिल्ली:
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के लिए AN-32 विमान इतना महत्वपूर्ण क्यों है कि वायुसेना को लापता विमान के स्थान का पता या इससे संबंधित जानकारी देने के लिए पांच लाख रुपये इनाम की घोषणा करनी पड़ी थी. इस रिपोर्ट में हम जानने की कोशिश करेंगे कि AN-32 की खासियत क्या है. गौरतलब है कि विमान का पता लगाने के लिए एमआई-17 हेलीकॉप्टर, एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर, एसयू-30 एमकेआई, सी130 और आर्मी यूएवी को सेवा में लगाया गया था.
यह भी पढ़ें: सामने आई लापता AN-32 एयरक्राफ्ट के मलबे की पहली तस्वीर, देखें घने जंगल कैसे पड़े हैं विमान के पार्ट्स
आठ दिन बाद मिला मलबा
13 लोगों के साथ 3 जून को लापता हुआ एएन-32 विमान का मलबा अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में देखा गया है. रूस द्वारा बनाए गए AN-32 परिवहन विमान को 1986 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था. 3 जून को एएन-32 विमान ने असम के जोरहाट एयरबेस से चीनी सीमा के नजदीक अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले के मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए उड़ान भरी थी. विमान का दोपहर 1.30 बजे ग्राउंड स्टाफ से संपर्क टूट गया था.
यह भी पढ़ें: अंतरिक्ष में भी मजबूत होगा सशस्त्रबल, मोदी सरकार ने दी इस नई एजेंसी को मंजूरी
105 विमानों को संचालित करती है वायु सेना
मौजूदा समय में वायुसेना के द्वारा 105 विमानों को संचालित किया जाता है. AN-32 ऊंची पर्वतीय इलाकों में सैनिकों को पहुंचाने और सामान ढोने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. 2009 में भारत ने यूक्रेन के साथ AN-32 की ऑपरेशन लाइफ को अपग्रेड करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया था.
AN-32 है सेना के लिए भरोसेमंद
AN-32 विमान को सेना के लिए भरोसेमंद माना जाता है. फिलहाल दुनियाभर में ऐसे करीब 250 विमान परिचालन में हैं. आम आदमी और सेना के मुताबिक इस विमान को डिजाइन किया गया है. इन विमानों में 2 इंजन होते हैं. इसके अलावा हर मौसम में उड़ाने भरने की क्षमता है. इस विमान का इस्तेमाल मैदानी, पहाड़ी और समुद्री इलाकों में किया जा सकता है. क्रू समेत करीब 50 लोग यानि करीब 7.5 टन वजन ले जाने की क्षमता के साथ 530 किलोमीटर प्रति घंटा की उड़ान भर सकता है. ईंधन भरने के बाद चार घंटे तक यह विमान उड़ान भरने की क्षमता रखता है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Chanakya Niti: चाणक्य नीति क्या है, ग्रंथ में लिखी ये बातें गांठ बांध लें, कभी नहीं होंगे परेशान
-
Budhwar Ganesh Puja: नौकरी में आ रही है परेशानी, तो बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा
-
Sapne Mein Golgappe Khana: क्या आप सपने में खा रहे थे गोलगप्पे, इसका मतलब जानकर हो जाएंगे हैरान
-
Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन जरूर करें लाल किताब के ये टोटके, हर बाधा होगी दूर