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NNBadaSawaal : AMU में मन्नान वानी के लिए शोक सभा, आतंकी से हमदर्दी क्यों?

एएमयू में शोक सभा आयोजित करने के आरोप में 3 कश्मीरी छात्र को सस्पेंड कर दिया गया. लेकिन सवाल यह उठता है कि आतंकी से इतनी हमदर्दी क्यों है?

Updated on: 12 Oct 2018, 06:00 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए आतंकी मनन वानी के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में शुक्रवार को शोक सभा का आयोजन किया गया और नमाज पढ़ा गया. मारा गया आतंकी जनवरी में आतंकवादी संगठन में शामिल होने से पहले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पीएचडी का छात्र था. मनन वानी हिजबुल मुजाहिदीन का शीर्ष कमांडर था. एएमयू में शोक सभा आयोजित करने के आरोप में 3 कश्मीरी छात्र को सस्पेंड कर दिया गया. लेकिन सवाल यह उठता है कि आतंकी से इतनी हमदर्दी क्यों है? आखिर क्यों बार-बार एएमयू में विवादों का बवंडर उठता रहता है?

इसी मुद्दे पर आज आपके लोकप्रिय चैनल न्यूज नेशन पर शाम पांच बजे खास शो 'बड़ा सवाल' में बहस होगी. इस बहस में आप भी ट्विटर और फेसबुक के जरिए हिस्सा लेकर एंकर अजय कुमार और मेहमानों से अपने सवाल पूछ सकते हैं.

इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बहस के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रेम शुक्ला, संघ विचारक संगीत रागी, धर्मगुरु मौलाना अतर हुसन देहलवी, विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल, धर्मगुरु मौलाना अंसार रजा, विधायक इंजीनियर राशिद, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अमीक जमई शामिल होंगे.

इस मुद्दे पर आप भी आज के शो में शामिल मेहमानों और विशेषज्ञों से राय सवाल पूछ सकते हैं. @NewsStateHindi के ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज पर ट्वीट पूछिए अपने सवाल.

मनन वानी की मौत के विरोध में अलगाववादियों द्वारा बुलाए गए बंद से शुक्रवार को कश्मीर घाटी में जनजीवन प्रभावित है. सईद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक की अध्यक्षता वाले अलगाववादी समूह संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) ने गुरुवार को हिजबुल कमांडर मनान बशीर वानी की हत्या के विरोध में बंद का आह्रान किया था.

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वानी पीएचडी छोड़ आतंकी गुट से जुड़ने वाला मनन वानी कुपवाड़ा जिले के लोलाब इलाके का रहने वाला था, जहां हजारों लोगों ने उसके जनाजे में हिस्सा लिया. मनन वानी सेना की वांटेड लिस्ट में शामिल था. वानी कुपवाड़ा का कमांडर था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वानी के परिवार वाले उसे आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका भेजना चाहते थे, लेकिन मनन ने आतंकी संगठन का हाथ थाम लिया था.

बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय इससे पहले भी पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर विवादों में था. देखिए बड़ा सवाल में इसी मुद्दे पर सबसे बड़ी बहस.

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