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अमृतसर रेल हादसा : पीड़ित परिवार ने सुनाई अपनी आपबीती, सुनकर कांप जाएगी रूह

सपना ने इस हादसे में अपनी रिश्ते की बहन और एक साल की भतीजी को खो दिया. वह बताती हैं कि अफरातफरी में लोग इधर उधर भागने लगे और बच्ची पत्थरों पर जा गिरी और उसकी मां को लोगों ने पैरों तले रौंद दिया.

Updated on: 20 Oct 2018, 11:55 PM

नई दिल्ली:

पंजाब में अमृतसर ट्रेन हादसे के शिकार हुये लोगों के परिजनों को यकीन नहीं हो रहा है कि उनके अपने अब इस दुनिया में नहीं रहे.यहां के निवासी विजय कुमार वह दृश्य याद कर अभी भी सिहर उठते हैं जब उन्होंने अपने 18 साल बेटे के कटे हुए सिर की फोटो अपने व्हाट्सऐप पर तड़के तीन बजे देखी. विजय के दो बेटो में से एक आशीष भी घटनास्थल पर था. उसकी जान बच गई लेकिन दूसरा बेटा मनीष उतना खुशकिस्मत नहीं निकला.

विजय को जब इस हादसे का पता चला तो वह अपने बेटे की तलाश में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकते रहे लेकिन कुछ पता नहीं चला. फिर अचानक उनके फोन के व्हाट्सऐप पर एक फोटो आई जिसमें उनके बेटे का कटा हुआ सिर था. इस तलाश में उन्हें एक हाथ और एक पैर मिला लेकिन वह उनके बेटे का नहीं था. रूंधे गले से विजय बताते हैं, 'मनीष नीली जींस पहने हुए था, यह पैर उसका नहीं हो सकता, मेरी तो दुनिया ही उजड़ गई.'

इस ह्रदय विदारक घटना के समय वहां मौजूद रहीं सपना को सिर में चोट आई है. उन्होंने बताया कि वह रावण दहन का घटनाक्रम व्हाट्सऐप वीडियो कॉल के जरिए अपने पति को दिखा रही थीं. जब पुतले में आग लगी तो लोग पीछे हटने लगे और पटरियों के करीब आ गए. जब ट्रेन करीब पहुंच रही थी तो लोग पटरी खाली करने लगे और दूसरी पटरी पर आ गए. इतने में एक और ट्रेन तेज गति से वहां आ गई और फिर भगदड़ मच गई.

सपना ने इस हादसे में अपनी रिश्ते की बहन और एक साल की भतीजी को खो दिया. वह बताती हैं कि अफरातफरी में लोग इधर उधर भागने लगे और बच्ची पत्थरों पर जा गिरी और उसकी मां को लोगों ने पैरों तले रौंद दिया.

उत्तर प्रदेश के हरदोई निवासी और दिहाड़ी मजदूर 40 साल के जगुनंदन को सिर और पैर में चोट आई है. उन्होंने बताया कि वह घटना के समय पटरियों पर नहीं थे लेकिन जब रावण जलने लगा तो आगे की तरफ मौजूद भीड़ पीछे हटने लगी और वह भी धक्का खाते हुए पीछे हो गए.

अपनी मां परमजीत कौर के साथ रावण दहन देखने गई सात साल की खुशी की आंखों के सामने वह दर्दनाक मंजर अभी भी तैर रहा है. वह उस वक्त पटरियों पर गिर गई थी और उसे सिर में चोट लग गई.

घायल हुये कई लोगों ने उस क्षण को याद करते हुये बताया कि उन्हें वहां आ रही ट्रेन का हॉर्न सुनाई नहीं दिया. एक और ट्रेन कुछ देर पहले ही वहां से गुजरी थी. पटाखों के शोर में ट्रेन की आवाज दब गई.

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बता दें कि अमृतसर के धोबी घाट इलाके में जोड़ा फाटक के पास शुक्रवार शाम रावण दहन के दौरान हुए रेल हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर शनिवार को 59 हो गई है और 58 लोग अन्य घायल हैं. अभी तक 39 मृतकों की पहचान कर ली गई है.

इस बीच पंजाब सरकार ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं. हादसे को लेकर शनिवार को मेडिकल बुलेटिन जारी किया गया, जिसमें 59 लोगों के मारे जाने और 58 लोगों के घायल होने की जानकारी दी गई है.