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दलित आंदोलन के बाद शाह ने कहा, BJP न तो आरक्षण खत्म करेगी और किसी को ऐसा करने भी नहीं देगी

दलितों और ओबीसी के संवैधानिक अधिकारों को खत्म किए जाने के आरोपों का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह ने जवाब दिया है।

Updated on: 04 Apr 2018, 11:55 PM

highlights

  • आरक्षण को लेकर बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह ने दिया जवाब
  • शाह ने कहा कि बीजेपी कभी भी आरक्षण को खत्म नहीं करेगी

नई दिल्ली:

दलितों और ओबीसी के संवैधानिक अधिकारों को खत्म किए जाने के आरोपों का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह ने जवाब दिया है।

एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश भर में हुए दलित आंदोलन के बाद से शाह लगातार सरकार का पक्ष रख रहे हैं। शाह ने कहा कि बीजेपी की सरकार न तो आरक्षण खत्म करेगी और नहीं किसी को ऐसा करने देगी।

शाह ने कहा, 'जब हमने कहा कि हम पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे तो फिर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भारत बंद क्यों बुलाया?'

भारत बंद के दौरान 10 लोगों की मौत के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराते हुए शाह ने कहा, 'बीजेपी न तो आरक्षण खत्म करेगी और नहीं किसी को ऐसा करने देगी।'

ओडिशा दौरे के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि संविधान में अंबेडकर द्वारा तय आरक्षण की नीति को कोई बदलने की हिम्मत कोई नहीं कर सकता है।
गौरतलब है कि दलितों की देशव्यापी हिंसा के बाद से केंद्र सरकार लगातार आरक्षण और दलित अधिकारों को लेकर सफाई दे रही है।

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इससे पहले कर्नाटक की रैली में शाह ने कहा था कि केंद्र सरकार दलित समुदाय के प्रत्येक अधिकार की रक्षा करेगी। बीजेपी प्रमुख कहा कि 'सरकार दलितों के प्रत्येक अधिकार की रक्षा करेगी और उनकी आकांक्षाओं को पूरा करना जारी रखेगी।'

उन्होंने कहा कि बीजेपी हर समय और हर संभव तरीके से दलित समुदाय के साथ खड़ी है। 

शाह ने कहा, 'अनेक दल जो दलित समुदाय को वोट बैंक समझते रहे हैं, वह समय-समय पर सामूहिक रूप से आरक्षण के बारे में भ्रामक प्रचार प्रारंभ कर देते है किन्तु बीजेपी अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों को विश्वास दिलाती है कि भाजपा के होते हुए कोई भी राजनीतिक दल या विचार उनके हकों को प्रभावित नहीं कर पायेगा।'

उन्होंने कहा, 'डॉ. भीमराव अंबेडकर के सपने को पूरा करने की बीजेपी की प्रतिबद्धता अटूट है। सरकार दलितों का जीवन परिवर्तित करने के लिए काम कर रही है।'

शाह से पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एसस-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सफाई दी थी।

सिंह ने कहा था कि सरकार की दलितों और जनजातियों के लिए वर्तमान आरक्षण नीति में बदलाव की कोई मंशा नहीं है।

राजनाथ सिंह ने लोकसभा में अपने बयान में उन अटकलों को खारिज कर दिया जिसमें यह कहा जा रहा है कि सरकार आरक्षण प्रणाली को समाप्त करना चाहती है। उन्होंने कहा, 'आरक्षण नीति को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं, यह गलत हैं।'

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