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जम्मू-कश्मीर: कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था आज जम्मू से होगा रवाना, 28 से यात्रा शुरू

यात्रियों का पहला जत्था कश्मीर के बालटाल और पहलगाम कैंप के लिए बुधवार सुबह ही कड़ी सुरक्षा के बीच गाड़ियों से रवाना होगा।

Updated on: 27 Jun 2018, 12:08 AM

highlights

  • 28 जून से तीर्थयात्री 3,880 मीटर ऊंचे पहाड़ पर स्थित गुफा में दर्शन के लिए पैदल निकलेंगे
  • देश भर के करीब दो लाख तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ गुफा की यात्रा के लिए पंजीकरण कराया
  • तीर्थयात्रियों को पहलगाम रास्ते से तीर्थस्थल पहुंचने में चार दिनों का समय लगता है

श्रीनगर:

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से बुधवार को वार्षिक अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था रवाना होगा।

अब तक देश भर के करीब दो लाख तीर्थयात्रियों ने दक्षिण कश्मीर स्थित अमरनाथ गुफा की यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है।

अधिकारी के मुताबिक, जम्मू में देश के कई भागों से यात्रियों का आना शुरू हो गया है। यात्रियों का पहला जत्था कश्मीर के बालटाल और पहलगाम कैंप के लिए बुधवार सुबह ही कड़ी सुरक्षा के बीच गाड़ियों से रवाना होंगे।

ये सभी बुधवार को गांदरबल के बालटाल और अनंतनाग जिले में नुनवान पहलगाम बेस कैंप में पहुंचेंगे। जिसके बाद 28 जून से सभी तीर्थयात्री 3,880 मीटर ऊंचे पहाड़ पर स्थित गुफा में दर्शन के लिए पैदल निकलेंगे।

अमरनाथ यात्रा 26 अगस्त को रक्षाबंधन त्योहार के साथ खत्म होगा।

जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक एस डी सिंह जामवाल ने कहा, 'सुलभ और शांतिपूर्ण तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए सभी तैयारियां कर ली गई है जो कि एक भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भावना का प्रतीक है।'

उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल पूरी तरह से अलर्ट है और वे देशद्रोही तत्वों से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर चुके हैं। बेस कैंप, मंदिरों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डा और सभी भीड़ वाली जगहों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

शीतकालीन राजधानी जम्मू से बालटाल और दक्षिण कश्मीर के पहलगाम के दो बेस कैंप से लगभग 400 किलोमीटर यात्रा मार्ग को सुरक्षित रखने के लिए अर्धसैनिक बलों की 213 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं।

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अमरनाथ गुफा समुद्र तल से 12,756 फीट की ऊंचाई पर है। तीर्थयात्रियों को पहलगाम रास्ते से तीर्थस्थल पहुंचने में चार दिनों का समय लगता है।

बालटाल मार्ग से जाने वाले लोग अमरनाथ गुफा में प्रार्थना करने के बाद उसी दिन बेस कैंप लौटते हैं। दोनों मार्गो पर हेलीकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध है।

आतंकी हमले की आशंका

सूत्रों के मुताबिक, आतंकी पाकिस्तान अधिग्रहीत कश्मीर (पीओके) की ओर से दो समूहों में घुसपैठ करने की योजना बना रहे है और अमरनाथ यात्रा में खलल डालने की पूरी कोशिश में हैं।

इसके लिए सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडों को तैनात किया गया है।

अधिकारियों ने कहा है कि इस साल जम्मू-कश्मीर पुलिस, अर्द्धसैनिक बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, और सेना के करीब 40,000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।

बता दें कि 2017 में आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों से एक बस पर हमला किया था। पिछले साल अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले में 7 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी और 19 लोग घायल हुए थे।

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