राफेल पर अखबार के दावे को यह बयान देकर बातचीत के मुखिया रहे एयर मार्शल ने किया तार-तार
राफेल डील पर अंग्रेजी अखबार द हिंदू के एक के बाद एक दो दावों को लेकर कांग्रेस फिर मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है.
नई दिल्ली:
राफेल डील पर अंग्रेजी अखबार द हिंदू के एक के बाद एक दो दावों को लेकर कांग्रेस फिर मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है. वहीं दूसरी तरफ इस डील की अगुवाई कर रहे एयरफोर्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अखबार के दावों पर सवाल उठाए हैं. राफेल डील के लिए फ्रांस से होने वाली बातचीत के मुखिया एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा ने कहा कि एक प्वाइंट को साबित करने के लिए नोट के कुछ चुने हुए हिस्सों को ही उठाया गया है. इनमें भारत की तरफ से बातचीत करने वाली टीम को लेकर कोई तथ्य ही नहीं है. उन्होंने कहा, 'डील को लेकर बातचीत करने वाली टीम के सभी 7 सदस्यों ने बिना किसी असंतोष के अपने हस्ताक्षर किए हुए अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी'.
आज क्या है विवाद
अंग्रेजी अखबार द हिंदू में फिर एक रिपोर्ट छपी है, जिसमें यह दावा किया गया है कि केंद्र सरकार ने राफेल सौदे को लेकर एंटी करप्शन क्लॉज जैसी महत्वपूर्ण शर्त को हटा दिया था. सोमवार को यह खबर छपते ही कांग्रेस के कई नेताओं ने मोदी सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है. द हिंदू की नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राफेल सौदे में भारत सरकार ने कई तरह की अभूतपूर्व रियायतें दीं. अंतर-सरकारी समझौते (IGA) पर दस्तखत के कुछ दिनों पहले ही भ्रष्टाचार विरोधी जुर्माना और एस्क्रो अकाउंट के जरिए भुगतान जैसे महत्वपूर्ण प्रावधानों को हटा दिया गया.
कांग्रेस ने इस खबर के छपने के बाद ट्वीट कर कहा, 'पीएमओ द्वारा सॉवरेन गारंटी को खत्म करने के दबाव के बाद अब पता चला है कि पीएमओ ने मानक एंटी-करप्शन क्लॉज हटाने के लिए भी कहा. पीएमओ आखिर किसे बचाना चाहता था
द हिंदू की रिपोर्ट में पहले क्या किया गया था दावा
अंग्रेज़ी अखबार 'द हिंदू' की ख़बर के मुताबिक रक्षा मंत्रालय तो सौदे को लेकर बातचीत कर ही रहा था, उसी दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय भी अपनी ओर से फ्रांसीसी पक्ष से 'समांतर बातचीत' में लगा था. अखबार के मुताबिक 24 नवंबर 2015 को रक्षा मंत्रालय के एक नोट में कहा गया कि PMO के दखल के चलते बातचीत कर रहे भारतीय दल और रक्षा मंत्रालय की पोज़िशन कमज़ोर हुई. रक्षा मंत्रालय ने अपने नोट में तब के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का ध्यान खींचते हुए कहा था कि हम PMO को ये सलाह दे सकते हैं कि कोई भी अधिकारी जो बातचीत कर रहे भारतीय टीम का हिस्सा नहीं है उसे समानांतर बातचीत नहीं करने को कहा जाए.
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया था अखबार के दावों पर जवाब
डील से जुड़े रक्षा मंत्रालय के एक नोट को लेकर उठ रहे सवालों को लेकर निर्मला सीतारमण ने कहा, अखबार ने जो रक्षा सचिव के 5 नोट की बात की है इस मामले में उन्होंने अपना पूर काम नहीं किया है. उन्होंने जो खुलासे रिपोर्ट में किए हैं अगर उसकी प्रकृति को आप देखेंगे ऐसा लगेंगे कि वो इस मामले में और जानकारी चाहते हैं.
रक्षा मंत्री ने अखबार पर हमला बोलते हुए कहा कि क्या यह उनकी जिम्मेदारी नहीं हो जो वो छाप रह हैं उससे पहले उसकी पूरी पड़ताल कर लें या कम से कम उस पर मंत्रालय का पक्ष जान लें. लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया और उन्होंने आधा-अधूरा सच छाप दिया.
निर्मला सीतारमण ने अखबार के खुलासे को लेकर आगे कहा, अगर पीएमओ इस मुद्दे में यह देख रहा था कि डील में कितनी प्रगति हुई है? या अभी और क्या होना बाकी रहा है? डील फ्रांस में रहो रहा और बात आगे कहां तक पहुंची तो इसे हस्तक्षेप नहीं माना जा सकता है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Farzi 2 Shooting: कब शुरू होगी फर्जी 2 की शूटिंग, एक्ट्रेस राशि खन्ना ने दिए हिंट
-
Taapsee Pannu Photos: सीक्रेट शादी के बाद तापसी पन्नू ने साड़ी में शेयर की पहली फोटोज, फैंस ने स्पॉट की इंगेजमेंट रिंग
-
Ayushmann Khurrana: ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आयुष्मान खुराना ने दिखाई दरियादिली, किया ये जरूरी काम
धर्म-कर्म
-
April Panchak Date 2024: अप्रैल में कब से कब तक लगेगा पंचक, जानें क्या करें क्या ना करें
-
Ramadan 2024: क्यों नहीं निकलते हैं कुछ लोग रमज़ान के आखिरी 10 दिनों में मस्जिद से बाहर, जानें
-
Surya Grahan 2024: क्या भारत में दिखेगा सूर्य ग्रहण, जानें कब लगेगा अगला ग्रहण
-
Rang Panchami 2024: आज या कल कब है रंग पंचमी, पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व जानिए