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Air India की फ्लाइट का हवा में खत्म हुआ ईंधन, ऑटो लैंड हुआ फेल तो पायलट ने ऐसे बचाई 370 लोगों की जान

अगर आप फ्लाइट में यात्रा कर रहे हों और उसका सिस्टम फेल हो जाए और ईधन भी खत्म हो जाए तो आप सिर्फ भगवान को याद करेंगे. ऐसा ही कुछ नजारा एयर इंडिया की फ्लाइट में बैठे यात्रियों के लिए था.

Updated on: 18 Sep 2018, 06:30 PM

नई दिल्ली:

अगर आप फ्लाइट में यात्रा कर रहे हों और उसका सिस्टम फेल हो जाए और ईधन भी खत्म हो जाए तो आप सिर्फ भगवान को याद करेंगे. ऐसा ही कुछ नजारा एयर इंडिया की फ्लाइट में बैठे यात्रियों के लिए था. इन सभी समस्याओं से घिरी थी. एयर इंडिया के बोइंग विमान का ईंधन खत्म हो चला था और उसमें 370 यात्री सवार थे। ऐसे में न्यूयार्क में उन्हें उतरने की अनुमति नहीं मिल रही थी।

घटना 11 सितंबर की है. एयर इंडिया की फ्लाइट बोइंग 777-300 AI-101 नई दिल्ली से न्यूयॉर्क के जॉन एफ केनेडी हवाई अड्डे जा रही थी. यह फ्लाइट दुनिया के सबसे लंबे डायरेक्ट रूट के विमानों से एक है. 15 घंटे का सफर यह फ्लाइट बिना रुके करती है. फ्लाइट नई दिल्ली टेक ऑफ कर चुकी थी. 14 घंटे से ज्यादा बीत चुके थे. यात्रियों को अंदाजा भी नहीं था कि उन्हें आखिरी चंद मिनटों में मौत सामने दिखाई देगी. लैंडिंग से पहले के आखिरी 38 मिनट पायलट के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं रहे.

एयर इंडिया की फ्लाइट में दो पायलट चीफ कैप्टन रुस्तम पालिया और उसके साथ सेंकंड कमांड इन चीफ सुशांत सिंह मौजूद थे. विमान में आई खराबी के बाद रुस्तम पालिया ने न्यूयॉर्क एटीसी से संपर्क में थे. वक्त बीत रहा था लेकिन कोई समाधान नहीं. पायलट ने एटीसी से कहा 'ऑटो लैंड उपलब्ध नहीं है, कई इंस्ट्रूमेंट फेल हो चुके हैं.' एटीसी भी अपनी ओर से लगातार कोशिश कर रही थी. लेकिन, इस बीच पायलट रुस्तम ने कहा 'हम फंस गए हैं, फ्यूल भी नहीं है'

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एयर इंडिया का यह विमान (बोइंग 777-300) सबसे एडवांस्ड विमानों में से एक है. लेकिन, उस दिन बोइंग 777-300 के लैंडिंग सिस्टम के तीनों इंस्ट्रूमेंट फेल हो गए थे. हालांकि, पायलट ने रेडियो अल्टीमीटर और ट्रैफिक कोलिजन का इस्तेमाल कर कुछ देर तक विमान को बचाए रखा. लेकिन, पायलट के मुताबिक, ऑटो लैंड, विंडशियर सिस्टम, ऑटो स्पीड ब्रेक और ऑग्जिलरी पॉवर यूनिट्स ने भी काम करना बंद कर दिया था. मतलब यह था कि विमान को मैनुअली ही लैंड कराना होगा. क्योंकि, लैंडिंग में मदद के लिए बनाया गया हर सिस्टम पूरी तरह फेल हो चुका था.

खराब मौसम की वजह से पायलट ने न्यूयॉर्क के जॉन एफ केनेडी एयरपोर्ट पर लैंडिंग की जगह नयूजर्सी के नेवार्क एयरपोर्ट पर विमान को लैंड कराने का फैसला किया. पायलट के सामने मुसीबत यह थी कि ईंधन कम होने की वजह से वह मौसम के सही होने का इंतजार नहीं कर सकते थे.

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पायलट रुस्तम पालिया ने इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम के बिना ही विमान के वर्टिकल और लेटरल नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए विमान को सुरक्षित नेवार्क एयरपोर्ट पर उतारा. यह बिल्कुल अलग ही तरह की लैंडिंग थी.