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असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- बीजेपी 'सेलेक्टिव एमनेसिया' से पीड़ित

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 'सेलेक्टिव एमनेसिया' से पीड़ित मालूम होती है।

Updated on: 16 Sep 2018, 05:14 PM

हैदराबाद:

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 'सेलेक्टिव एमनेसिया' से पीड़ित मालूम होती है। सेलेक्टिव एमनेसिया चयनात्मक भूलने को कहा जाता है। ओवैसी का यह बयान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर लगाए गए आरोपों के बाद आया है। अमित शाह ने शनिवार को हैदराबाद में केसीआर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने विधानसभा भंग कर समय पूर्व चुनाव कराने के निर्णय से जनता पर अतिरिक्त खर्च का बोझ थोप दिया है।

ओवैसी ने कहा, 'तेलंगाना में पिछले चार सालों में एक भी सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए हैं। वे (बीजेपी) 2002 को कैसे भूल सकते हैं जब नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए राज्य विधानसभा को भंग कर दिया था। वे लोग सेलेक्टिव एमनेसिया से पीड़ित मालूम होते हैं, लेकिन हम इसे नहीं भूलेंगे। तेलंगाना में शांति और विकास है।'

एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा, 'अगर केसीआर ने चुनाव के 9 महीने पहले तेलंगाना विधानसभा को भंग किया तो यह एक साहसिक निर्णय है। आप (बीजेपी) इससे क्यों भयभीत होते हैं?'

अमित शाह की कड़ी निंदा करते हुए ओवैसी ने कहा, 'अगर आपको टैक्स पेयर की इतनी चिंता है तो स्विट्जरलैंड में नीरव मोदी के साथ तस्वीर कैसे सामने आई। मेहुल चोकसी को मेहुल भाई किसने कहा था? लंदन जाने से पहले मीटिंग के बारे में किसने कहा? क्या ये टैक्सपेयर्स के पैसे नहीं थे?'

ओवैसी ने कहा कि बीजेपी तेलंगाना में चुनाव लड़ने से डर रही है क्योंकि पार्टी को 5 भी सीट जीतने को नहीं मिलेगी।

उन्होंने कहा, 'वे सिकंदराबाद संसदीय सीट भी गंवाएंगे। तेलंगाना में शांति और प्रेम का माहौल है और राज्य में यह बना रहेगा। हम टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे लेकिन हम यह भी कहेंगे कि केसीआर तेलंगाना के अगले मुख्यमंत्री केसीआर ही होंगे। बीजेपी की तरफ से सीएम उम्मीदवार कौन होगा? तेलंगाना के लोग बीजेपी के एक चेहरे को भी स्वीकार करने के लिए भी तैयार नहीं है।'

तेलंगाना में अगले साल यानी 2019 के जून में चुनाव होने थे लेकिन हाल ही में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने समयपूर्व चुनाव कराने का फैसला लिया और विधानसभा को भंग कर दिया था।

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बता दें कि शनिवार को हैदराबाद में अमित शाह ने कहा कि टीआरएस के प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने क्यों राज्य में जल्द चुनाव कराने का फैसला किया, जब यहां लोकसभा और विधानसभा के चुनाव नौ महीने बाद होने थे। उन्होंने कहा कि के चंद्रशेखर राव ने शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी के विचार 'एक देश एक चुनाव' का समर्थन किया था, लेकिन उनके रुख बदलने से वह आश्चर्यचकित हैं।

बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, 'राव और टीआरएस ने छोटे राज्य पर दो चुनावों का बोझ डाला है। बीजेपी का मानना है कि टीआरएस ने राजनीतिक लाभ के लिए लोगों पर करोड़ों रुपये का अतिरिक्त बोझ डाला है।'

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शाह ने दावा किया कि कांग्रेस शासन के दौरान 15,000 करोड़ रुपये दिए जाने की तुलना में बीते चार वर्षो में राज्य को 2.3 लाख करोड़ रुपये मुहैया कराए गए। उन्होंने कहा कि भाजपा किसी भी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करती, बल्कि राजनीतिक तुष्टिकरण का विरोध करती है।