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तमिलनाडु के कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम ने कहा, विधानसभा में साबित करेंगे अपना बहुमत

डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के.स्टालिन ने एक बयान में कहा कि राज्यपाल को विधानसभा में विश्वासमत पर गौर करना चाहिए।

Updated on: 09 Feb 2017, 02:52 PM

चेन्नई:

तमिलनाडु के कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम ने गुरुवार को एक बार फिर दावा किया कि वह विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर देंगे। उन्होंने कहा कि विधायकों को अपने विवेक से वोट करने का मौका मिलेगा और वह अपना बहुमत साबित करने में कामयाब होंगे।

एक दिन पहले यानी बुधवार को राज्य की दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत की जांच का आदेश देने वाले पन्नीरसेल्वम ने यह भी कहा कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से जयललिता की मौत को लेकर कोई संदेह नहीं है।

पन्नीरसेल्वम ने एक तमिल चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्हें समर्थन देने वाले विधायकों की संख्या उजागर करने से इनकार करते हुए कहा कि वह सदन में बहुमत सिद्ध करेंगे।



पन्नीरसेल्वम ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के नेतृत्व में जयललिता की मौत की जांच कराए जाने की घोषणा की थी।


जयललिता का पांच दिसंबर 2016 को निधन हो गया था। वह 75 दिनों तक अपोलो अस्पताल में भर्ती रही थीं। उनकी मौत को लेकर कई तरह के संशय हैं, जिसे लेकर जांच की घोषणा की गई है।

पन्नीरसेल्वम ने पांच फरवरी को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और उनके इस्तीफे को राज्यपाल सी.विद्यासागर राव ने स्वीकार कर लिया था।

इसी दिन, एआईएडीएमके महासचिव वी.के.शशिकाल को विधायक दल की नेता चुना गया था, ताकि वह मुख्यमंत्री बन सकें।

राव ने वैकल्पिक व्यवस्था होने तक पन्नीरसेल्वम को कामकाज संभालने को कहा था।

हालांकि मंगलवार देर रात एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत पन्नीरसेल्वम ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और शशिकला को विधायक दल की नेता बनाने के लिए मजबूर किया गया।


पन्नीरसेल्वम हालांकि बहुमत साबित करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन उनके साथ विधायकों का बहुमत खुलकर सामने नहीं आया है। सिर्फ पांच विधायक उनके साथ बताए जा रहे हैं, जबकि इस मामले में आंकड़ा शशिकला के साथ है। उन्होंने बुधवार को विधायकों की जो बैठक बुलाई थी, उसमें 131 विधायक पहुंचे थे।

राज्यपाल राव गुरुवार शाम तक यहां पहुंच सकते हैं। शशिकला एआईएडीएम विधायकों के समर्थन वाला पत्र उन्हें पेश कर सरकार बनाने का दावा कर सकती हैं।


इस बीच, डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के.स्टालिन ने एक बयान में कहा कि राज्यपाल को विधानसभा में विश्वासमत पर गौर करना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि एआईएडीएमके विधायकों को रिजॉर्टों में नजरबंद रखा गया है।