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पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे से पहले दोनों देशों के बीच 22 मानवरहित गार्जियन ड्रोन का हुआ सौदा

पीएम मोदी के अमेरिकी यात्रा से महज तीन दिन पहले भारत और अमेरिका के बीच एक अहम रक्षा सौदा हुआ है। अमेरिका भारत को 22 गार्जियन मानवरहित ड्रोन देने के लिए तैयार हो गया है।

Updated on: 23 Jun 2017, 10:56 AM

highlights

  • अमेरिका से भारत का 22 मानवरहित ड्रोन के लिए हुआ सौदा
  • पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे से पहले दोनों देशों के बीच अहम सौदा

नई दिल्ली:

पीएम मोदी के अमेरिकी यात्रा से महज तीन दिन पहले भारत और अमेरिका के बीच एक अहम रक्षा सौदा हुआ है। अमेरिका भारत को 22 गार्जियन मानवरहित ड्रोन देने के लिए तैयार हो गया है।

इस सौदे की लागत करीब दो अरब अमेरिकी डॉलर है। इस सौदे को अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने मंजूरी दी है। ये मानवरहित ड्रोन कैलिफोर्निया की कंपनी जनरल एटॉमिक्स कंपनी बनाती है जिससे भारत सरकार का ये सौदा हुआ है।

पीएम मोदी के अमेरिका पहुंचने से पहले डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों की परीक्षा में इसे बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है। पीएम 26 जून को अमेरिकी दौरे पर जाएंगे।

जब बराक ओमाबा अमेरिका के राष्ट्रपति थे तो दोनों दशों के संबंधों में काफी गर्माहट थी लेकिन ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद दोनों देशों के संबंधों में गर्मजोशी कम हो गई थी। इसका सबसे बड़ा कारण था ट्रंप का भारत की जगह चीन के प्रति झुकाव क्योंकि ट्रंप सरकार चीन की मदद से उत्तरी कोरियों के परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाना चाहती है। इसी को लेकर बीते अप्रैल महीने में डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति शी शिनपिंग से मुलाकात की थी।

भारत को इस ड्रोन की जरूरत क्यों

भारत को इस ड्रोन की जरूरत हिन्द महासागर में निगरानी रखने के लिए थी। भारतीय नौसेना ने खुफिया निगरानी और टोही गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होने वाले इस ड्रोन की जरूरत से सरकार को अवगत कराया था।

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अमेरिका में ओबामा के राष्ट्रपति रहते हुए भारत को मेजर डिफेंस पार्टनर का दर्जा मिला था जिसे अमेरिकी संसद ने भी मंजूरी दे दी थी। ऐसे समय में जब ट्रंप जापान, ब्रिटेन और वियतनाम के राष्ट्र प्रमुखों से मुलाकात कर चुके हैं तो कयास लगाए जा रहे थे कि भारत के संबंध अमेरिका से पहले जैसे नहीं रह पाएंगे लेकिन इस डील ने दोनों देशों को फिर करीब ला दिया है।

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