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भारत की संभावित कार्रवाई से घबराया पाकिस्तान, आतंकी संगठन जैश के दफ्तर को कब्जे में लिया

भारत की संभावित कार्रवाई से घबराया पाकिस्तान, आतंकी संगठन जैश के दफ्तर की बढ़ाई सुरक्षा

Updated on: 23 Feb 2019, 10:18 AM

नई दिल्ली:

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान भारत की संभावित कार्रवाई से बेहद डरा हुआ है. पाकिस्तान सरकार ने इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी मसूद अजहर के संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दफ्तर को अपने कंट्रोल में ले लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में जैश का दफ्तर है, जहां पाकिस्तान एजेंसियों ने सुरक्षा बढ़ा दी है. रिपोर्ट के मुताबिक बहावलपुर में एक बहुत बड़ी मस्जिद है जिसके अंदर जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर अपना दफ्तर चलाता है और भारत के खिलाफ आतंकी षड़यंत्र रचता है

पाकिस्तान पर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भारत सरकार ने दबाव बनाने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. हमले के तुंरत बाद पहले भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया और उसके बाद पाकिस्तान से आने वाले सामान पर भी 200 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी. इस फैसले के बाद वाघा अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान की तरफ से आने वाले सामानों के ट्रकों की लंबी लाइन लग गई. इंपोर्ट ड्यूटी इतने बढ़ जाने के बाद पाकिस्तान के कारोबारी बेहद परेशान हैं क्योंकि अब उनके लिए भारत माल भेजना घाटे का सौदा बन गया है. उदाहरण के लिए आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अगर किसी ट्रक पर पाकिस्तान की तरफ से 15 लाख रुपये का कोई सामान लदा है तो उसे भारत में प्रवेश कराने के लिए पाकिस्तान के उस कारोबारी को 30 लाख रुपये इंपोर्ट ड्यूटी देनी पड़ेगी.

गौरतलब है कि भारत की कूटनीतिक कार्रवाई से पाकिस्तान बेहद बिलबिलाया हुआ है. पाकिस्तान की तरफ बहने वाली भारत के हिस्से की तीन नदियों के पानी को रोके जाने के फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इंडस वाटर ट्रिटी को लेकर बड़ा बयान दिया है. जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, अभी तो भारत ने अपने हिस्से का पानी बंद किया है लेकिन अगर पाकिस्तान नहीं सुधरा तो जल्द ही बूंद-बूंद पानी के लिए तरसेगा.

इंडस वाटर ट्रिटी को तोड़ने को लेकर पूछ गए सवाल पर एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए कहा अगर पाकिस्तान ने भारत में आतंकवादियों को भेजना बंद नहीं किया तो पाकिस्तान को एक बूंद भी पानी नहीं मिलेगा. केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने कहा, 1960 में पंडित जवाहर लाल नेहरू और अयूब खान के बीच इंडस वाटर ट्रिटी हुआ था जिसके तहत तीन नदियां पाकिस्तान को जबकि तीन नदियों का पानी भारत को मिला था. हमारे हिस्से का पानी 33 मिलियन एमएफ है जिसमें हम 31 एमएफ मिलियन का इस्तेमाल करते हैं. अब बाकी बचे हिस्से का भी इस्तेमाल किया जाएगा.

उन्होंने ट्रिटी को लेकर कहा दोनों देशों के बीच सौहाद्र पूर्ण वातावरण में यह समझौता हुआ था लेकिन अब पाकिस्तान आतंकी भेज रहा है जिसको लेकर सबके मन में गुस्सा है. ऐसे में पाकिस्तान को पानी कैसे दिया जा सकता है. हम हर मोर्च पर जवाब देंगे.