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भारत की कड़ी कार्रवाई, पाक से आयात होने वाले सभी सामानों पर बढ़ाया 200% सीमा शुल्क

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा झटका दिया है.

Updated on: 16 Feb 2019, 11:22 PM

नई दिल्ली:

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा झटका दिया है. आर्थिक मोर्चे पर कड़ी कार्रवाई करते हुए भारत ने पाकिस्तान से आयात होने वाले  सभी सामानों पर सीमाशुल्क तत्कार प्रभाव से बढ़ाकर 200 फ़ीसदी कर दिया. इससे पहले भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया था. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट कर लिखा, 'पुलवामा की घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान से व्यापार के लिहाज से सबसे तरजीही देश का दर्जा वापस ले लिया है. इसके बाद पाकिस्तान से भारत में आयात किए जाने वाले सभी तरह के सामान पर सीमाशुल्क तत्काल प्रभाव से बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दिया गया है.' 

जम्मू- कश्मीर में गुरुवार को हुए भयावह आतंकवादी हमले के एक दिन बाद हुई सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें यह फैसला लिया गया. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया. विकासशील देशों के लिए एमएफएन का दर्जा बेहद महत्वपूर्ण होता है.

इसके तहत बिना किसी भेदभाव के साथ व्यापर किया जाता है. विश्व व्यापर संगठन के टैरिफ एवम व्यापर पर संधि के तहत साल 1996 में पकिस्तान को एमएफएन का दर्जा दिया गया था. भारत ने पाकिस्तान को यह दर्जा दिया है लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि पाकिस्तान ने भारत को यह दर्जा नहीं दिया है. भारत ने 2017-18 में पाकिस्तान से 48.8 करोड़ डॉलर का सामान आयात किया था. 

भारत और पाकिस्तान के बीच चीनी, सीमेंट, ऑर्गनिक केमिकल, सब्जियां , रुई , अमरुद और कुछ चुनिंदा फलों के अलावा मिनरल आयल , ड्राई फ्रूट जैसी वस्तुओं का कारोबार होता है. इन चीजों के आयात में पाकिस्तान को छूट मिलती है. इस पर मौजूदा सीमाशुल्क की दर क्रमश: 30 से 50 प्रतिशत और साढ़े सात प्रतिशत है. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान से आयात पर शुल्क 200 प्रतिशत करने का सीधा सा मतलब पाकिस्तान से आयात बंद होने के समान है.

भारत पाकिस्तान के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार 2017-18 में मामूली बढ़कर 2.41 अरब डॉलर रहा जो 2016-17 में 2.27 अरब डॉलर था. भारत ने 2017-18 में 48.85 करोड़ डॉलर का सामान पाकिस्तान से आयात किया जबकि 1.92 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया गया.

एमएफएन का लाभ
एमएफएन के तहत इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट में विशेष छूट मिलती है. एमएफएन का दर्जा पाने वाले देश कारोबार में कम आयत शुल्क देते है. दोनों देशों में आर-पार व्यापर में मुश्किलें नहीं आती. वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाईजेशन के सदस्य देश खुले व्यापर और बाजार के जरिये एक दूसरे से जुड़े रहते है और दर्जा पाने वाले देशों को विशेष छूट दी जाती है.

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बता दें कि जम्मू -कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में एक आत्मघाती हमला किया. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए जबकि कई घायल हो गए. पुलवामा जिले में आतंकी ने श्रीनगर-जम्मू हाई-वे पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी सीआरपीएफ की बस से टकराकर उसमें विस्फोट कर दिया. धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास जवानों के शव टुकड़ों में सड़क पर बिखेर गए. जैश ए मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था. हमलावर की पहचान कमांडर आदिल अहमद दार के रूप में हुई है.