PM मोदी ने कहा, GST से पहले सरकार ने लगाया 1 लाख फर्जी कंपनियों पर ताला, 3 लाख कंपनियों पर संदेह
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के लागू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम से देश की अर्थव्यवस्था को 'साफ और स्वच्छ' लिए जाने की अपील करते हुए काला धन रखने वाले और टैक्स चोरों को सख्त चेतावनी दी।
highlights
- मोदी ने कहा कि वह देश में स्वच्छता अभियान के साथ ही अर्थव्यवस्था में सफाई अभियान चला रहे हैं
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के काले धन में 45 फीसदी की कमी आई है
- नोटबंदी के बाद करीब 3 लाख कंपनियां शक के दायरे में थी और इनमें से 1 लाख कंपनियों को सरकार ने बंद कर दिया है
नई दिल्ली:
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के लागू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम से देश की अर्थव्यवस्था को 'साफ और स्वच्छ' लिए जाने की अपील करते हुए काला धन रखने वाले और टैक्स चोरों को सख्त चेतावनी दी।
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की स्थापना दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि वह देश में स्वच्छता अभियान के साथ ही अर्थव्यवस्था में सफाई अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी सफाई अभियान की वजह से स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के काले धन में 45 फीसदी की कमी आई है।
2013 में काले धन में 42 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। उन्होंने कहा कि 1987 में स्विस बैंक ने देशों के जमा रकम के बारे में बताना शुरू किया था। 2016 की रिपोर्ट बताती है कि भारतीय के पैसों में 45 फीसदी की कमी आई है। 2014 से ही गिरावट का दौर शुरू हुआ था, जो और तेज हो गया है जबकि 2013 में इसमें 42 फीसदी की वृद्धि हुई थी।
काले धन को खत्म करने और पारदर्शी अर्थव्यवस्था को लागू करने की दिशा में सरकार की मंशा को जाहिर करते हुए मोदी ने कहा जब देश, मीडिया और कॉरपोरेट का पूरा ध्यान 30 जून की आधी रात को लागू होने जा रहे जीएसटी के कार्यक्रम पर था, तब केंद्र सरकार ने एक झटके में करीब 1 लाख कंपनियों को डीलिस्ट कर दिया।
देश में स्वच्छता और अर्थव्यवस्था में सफाई अभियान चला रहा हूं: PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'नोटबंदी के बाद करीब 3 लाख कंपनियां शक के दायरे में थी और इनमें से 1 लाख कंपनियों को रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने जीएसटी लागू होने से पहले बंद कर दिया।'
अवैध लेन-देन के खिलाफ भविष्य में और अधिक सख्त कार्रवाई की चेतावनी देते हुए मोदी ने कहा, 'राजनीति के हिसाब से चलने वाली सरकार इतना बड़ा फैसला लेने का साहस नहीं रखती बल्कि राष्ट्रहित से प्रेरित लोग ही ऐसा फैसला ले सकते हैं।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें पता है फर्जी कंपनियों और हवाला में लेन-देन वाले करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की क्या कीमत चुकानी होगी लेकिन मैं यह नुकसान उठाने के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा, 'जिन्होंने गरीब को लूटा है, उन्हें पैसे लौटाने ही होंगे।'
गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद सरकार ने शेल कंपनियों को निशाना बनाया था। मोदी ने कहा कि सरकार ने 37,000 से अधिक शेल कंपनियों की पहचान की है, जिन्होंने काले धन को सफेद बनाने और हवाला का काम किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में अब इन कंपनियों पर कार्रवाई की गाज गिरने जा रही है।
स्विस बैंक में घटकर आधी हुई भारतीयों की दौलत, अब खातों में सिर्फ 4500 करोड़ रुपये जमा
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