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नोटबंदी के एक महीने बाद 7 दिसंबर से जनधन खातों से निकाले गए 5,582.83 करोड़ रुपये

जनधन खातों की कुल संख्या 26.68 करोड़ है। दिलचस्प यह भी है कि नोटबंदी के बाद जनधन खातो में 7 दिसंबर को कुल जमा 74,610 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गई थी।

Updated on: 30 Jan 2017, 08:13 AM

highlights

  • नोटबंदी के बाद 7 दिसंबर से 11 जनवरी के बीच निकाले गए 5000 करोड़ से ज्यादा रुपये
  • देश में कुल 26.68 करोड़ जनधन खाते, 7 दिसंबर को कुल जमा 74,610 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पहुंचा था

नई दिल्ली:

नोटबंदी को सरकार भले ही काले धन से निपटने का अहम तरीका बता रही हो लेकिन आकड़े एक दूसरी कहानी बयान कर रहे हैं।

नोटबंदी के करीब एक महीने बाद 7 दिसंबर से 11 जनवरी के बीच जनधन खातों से 5, 582.83 करोड़ निकाले गए हैं। यह आंकड़े वित्त मंत्रालय के है।

बता दें कि देश में जनधन खातों की कुल संख्या 26.68 करोड़ है। दिलचस्प यह भी है कि जनधन खातो में 7 दिसंबर को कुल जमा 74,610 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गई थी। इसके बाद इसमें तेजी से गिरावट आनी शुरू हुई और 11 जनवरी को यह घटकर 69, 027.17 करोड़ रुपये पर आ गई।

नोटबंदी के बाद जनधन खातों के दुरुपयोग को रोकने के लिए निकासी की मासिक सीमा 30 नवंबर से 10,000 रुपये तय की गई है। जबकि जमा करने की अधिकतम सीमा 50,000 रुपये है। नोटबंदी से पहले यानि 9 नवंबर तक जनधन खातों में  45,636.61 करोड़ रुपये की राशि जमा थी।

यह भी पढ़ें: नोटबंदी: जन धन खातों में गड़बड़ियों की जांच करेगी नीति आयोग की टीम

साथ ही नोटबंदी की घोषणा के एक महीने के अंदर जनधन खातों में जमा में 28,973 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ था। इस बीच, आधार से जुड़े जनधन खातों की संख्या 11 जनवरी को बढ़कर 15.36 करोड़ हो गई है जो नोटबंदी के दिन 13.68 करोड़ थी।

बताते चलें कि कुछ दिनों पहले ही यह खबर आई थी कि नोटबंदी के बाद जनधन खातों में जमा हुए पैसों और उनके ट्रांसेक्शन्स की जांच अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के बजाए नीति आयोग के बिग डेटा एक्सपर्ट्स करेंगे। यह टीम उन खातों की जांच करेगी जिसमें नोटबंदी के बाद बड़ी मात्रा में पैसे जमा हुए और जिनमें गड़बड़ी की आशंका है।

आंकड़ों पर अगर नज़र डालें तो पिछले वर्ष 2 से 30 अक्टूबर के बीच 32 लाख जन धन खातों में 646 करोड़ रुपये जमा हुए थे। नवंबर में नोटबंदी के बाद 30 नवंबर तक जन धन खातों में डिपॉजिट 29,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 74,321 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जोकि 2 नवंबर को 45,302 करोड़ रुपये था।