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दिल्ली के बाद अब जोधपुर में रॉबर्ट वाड्रा से जमीन घोटाले में पूछताछ करेगी ईडी, जानिए क्या है पूरा मामला

दिल्ली के बाद रॉबर्ट वाड्रा मंगलवार जयपुर में प्रर्वतन निदेशालय (ED) के मुख्यालय में अधिकारियों के सवालों का सामना करेंगे. महाजन फील्ड फायरिंग क्षेत्र की जमीनों के सौदे को लेकर वाड्रा प्रर्वतन निदेशालय में पेश होंगे

Updated on: 11 Feb 2019, 06:36 PM

जोधपुर:

दिल्ली के बाद रॉबर्ट वाड्रा मंगलवार जयपुर में प्रर्वतन निदेशालय (ED) के मुख्यालय में अधिकारियों के सवालों का सामना करेंगे. महाजन फील्ड फायरिंग क्षेत्र की जमीनों के सौदे को लेकर वाड्रा प्रर्वतन निदेशालय में पेश होंगे. 275 बीघा जमीन खरीद मामले में प्रर्वतन निदेशालय ने सवालों की लंबी सूची तैयार की हैं. इसमें जमीन खरीद के सोर्स, मामले में सहयोगियों की भूमिका, वाड्रा की ओर से लिए गए राजनीतिक लाभ, आर्थिक लाभ सहित करीब 55 सवाल प्रर्वतन निदेशालय ने प्रारंभिक तौर पर तैयार किए हैं. राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछताछ से पहले रॉबर्ट वाड्रा की गिरफ्तारी पर रोक भी लगाई हुई हैं. रॉबर्ट वाड्रा बीकानेर के कोलायत में जमीन घोटाला मामले में मंगलवार सुबह 11:30 बजे ईडी के सामने पेश होंगे. इससे पहले आज रॉबर्ट वाड्रा अपनी माता मौरीन वाड्रा के साथ जयपुर पहुंचे.

वाड्रा वहां लैंड डील से जुड़े मामले को लेकर दर्ज बयान दर्ज करवाएंगे. कोलायत इलाके में यह 275 बीघा जमीन खरीदने का मामला है. इस मामले में ईडी ने पूछताछ के लिए नवंबर 2018 में तीसरी बार वाड्रा को समन जारी किया था.

क्या यह पूरा मामला

प्रर्वतन निदेशालय से मिली जानकारी के अनुसार बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिग रेंज में नियम के खिलाफ आवंटित 275 बीघा जमीन वाड्रा की कंपनी स्काईलाट हॉस्पिटलिटी ने खरीदी थी. ये जमीन महाजन फील्ड़ फायरिग रेंज के विस्थापितों के नाम से फर्जी आवंटन से जुड़ी है. यहां जिन लोगों के नाम पर जमीनों का आवंटन हुआ था, वे असल में थे ही नहीं. कुछ लोगों ने क्षेत्र के तत्कालीन तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी सहित अन्य सरकारी कर्मचारियों से मिलकर जमीन को 2006-07 में अपने नाम कराकर बेचना शुरु किया.

इसी दौरान वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट ने पहले 150 बीघा और फिर 125 बीघा जमीन खरीदी. मामले का खुलासा 2010 में हुआ लेकिन मामला वाड्रा से जुड़ा होने के कारण तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया. 2014 में इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया. इनमें चार केस वाड्रा की कंपनी से जुड़े हुए हैं. फर्जी आवंटन से जुड़े 16 केस गजनेर और दो केस कोलायत पुलिस थाने में वर्ष 2014 में दर्ज हुए थे. ईडी को मिली जानकारी में सामने आया कि स्काइलाईट हॉस्पिटैलिटी ने 69.55 हेक्टेयर की जमीन को 72 लाख रुपये में खरीदा और फिर तीन साल बाद उसे 5.15 करोड़ रुपये में बेच दिया। इस तरह से कंपनी को 4.43 करोड़ रुपये का भारी मुनाफा हुआ।

ईडी कर रही है कार्रवाई

ईडी की टीम ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों रूपये मूल्य की जमीन बेचने के मुख्य आरोपी जयप्रकाश बांगडवा की सम्पति को जब्त कर लिया. बांगड़वा ने रॉबर्ट वाड्रा की कम्पनी स्काईलाइट हॉस्पिटलिटी के जमीन खरीद मामले में भी दलाल की भूमिका निभाई थी. टीम ने बीकानेर के महाजन में अर्जुनसर गांव में बांगड़वा की सम्पतियों को जब्त कर लिया. इसमें 50 बीघा जमीन और दुकानें शामिल है. ईडी ने सम्पति जब्त कर वहां अपने स्वामित्व का बोर्ड लगा दिया. बांगड़वा की इस मामले में गिरफ्तारी भी हो चुकी है. इसके अलावा स्काइलाईट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के मालिक महेश नागर के करीबी अशोक कुमार को भी ईडी ने गिरफ्त में लिया था। इसी इनपुट के आधार पर टीम आगे की कार्रवाई करेगी।