आरुषि-हेमराज हत्याकांड: सोमवार तक जेल में ही रहेंगे तलवार दंपति
नोएडा के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड के मामले में बरी डॉ. राजेश तलवार और नूपुर तलवार को सोमवार तक जेल में ही रहना होगा।
highlights
- सोमवार तक जेल में ही रहेंगे राजेश और नूपुर तलवार
- 2008 में आरुषि और हेमराज की हुई थी हत्या, इस मामले में बरी हुए हैं तलवार दंपति
नई दिल्ली:
नोएडा के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड के मामले में बरी डॉ. राजेश तलवार और नूपुर तलवार को सोमवार तक जेल में ही रहना होगा। तलवार दंपति के वकील ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि राजेश और नूपुर तलवार डासना जेल से आज (शुक्रवार) रिहा नहीं होंगे।
तलवार के वकील ने कहा, 'हमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले की सर्टीफाइड कॉपी के लिए आवेदन किया है, सर्टीफाइड कॉपी को लेकर गाजियाबाद ट्रायल कोर्ट के जज के पास जायेगे। वहां से रिलीज ऑर्डर जारी लेकर डासना जेल जाना होगा। सोमवार तक ही तलवार दम्पति की रिहाई हो सकेगी।'
आपको बता दें कि गुरुवार को निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सूबतों के आभाव में डॉ. राजेश तलवार और नूपुर तलवार को बरी कर दिया।
जस्टिस बी.के. नारायण और जस्टिस अरविंद कुमार मिश्र की खंडपीठ ने जांच एजेंसी की जांच में कई खामियां पाईं और राजेश तलवार और नूपुर तलवार को बरी कर दिया।
न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा, 'जांच के दौरान सीबीआई तलवार दंपति के खिलाफ ऐसे सबूत पेश नहीं कर पाई, जिसमें उन्हें सीधे दोषी माना जा सके। ऐसे मामलों में तो सर्वोच्च न्यायालय भी बिना पर्याप्त तथ्यों और सबूतों के किसी को इतनी कठोर सजा नहीं सुनाता।'
अदालत ने आगे कहा, 'माता-पिता को सिर्फ इसलिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि वह घटना की रात घर में मौजूद थे। उन्हें इस मामले में संदेह का लाभ मिलना चाहिए। उन्हें इस मामले में बरी किया जाता है।'
गौरतलब है कि इस मामले में आरोपी दंपति डॉ. राजेश तलवार और नूपुर तलवार ने सीबीआई अदालत गाजियाबाद की ओर से आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की थी।
डॉ. तलवार की नाबालिग पुत्री आरुषि की हत्या वर्ष 2008 में 15 मई की रात नोएडा के सेक्टर-25 के जलवायु विहार स्थित घर में ही कर दी गई थी। अगले दिन घर की छत पर उनके घरेलू नौकर हेमराज (नेपाल का रहनेवाला) का शव भी पाया गया था।
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इस हत्याकांड में नोएडा पुलिस ने 23 मई को डॉ. राजेश तलवार को बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। 1 जून को यह मामला सीबीआई को सौंपा गया था।
सीबीआई की जांच के आधार पर गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट ने 26 नवंबर, 2013 को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए तलवार दंपति को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। तब से तलवार दंपति जेल में बंद हैं।
नौ साल बाद भी सवाल बरकरार है कि चौकीदार की निगरानी और अंदर से बंद फ्लैट में आरुषि और हेमराज की हत्या किसने की? और यह भी कि जब सीबीआई की जांच में कई खामियां पाई जाती हैं, तब भरोसा किस एजेंसी पर क्या जाए?
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