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आरुषि मर्डर केस में जज ने कही ये 5 मुख्य बातें, कोर्ट ने तलवार दंपति को किया बरी

आरुषि-हेमराज मर्डर मामले में तलवार दंपति को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली। ठोस सबूत न मिलने के कारण आज इलाहबाद हाई कोर्ट ने तलवार दंपत्ति को बड़ी राहत देते हुए बरी कर दिया।

Updated on: 12 Oct 2017, 07:00 PM

नई दिल्ली:

आरुषि-हेमराज मर्डर मामले में तलवार दंपति को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली। इस डबल मर्डर केस में तलवार दंपति को कोर्ट ने बरी कर दिया है। नोएडा के जलवायु विहार स्थित फ्लैट में मई 2008 में 14 साल की आरुषि का शव मिला था। अगले ही दिन बाद घर की छत पर नौकर हेमराज का शव मिला।

इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी ठोस सबूत न मिलने के कारण आज इलाहबाद हाई कोर्ट ने तलवार दंपत्ति को बड़ी राहत देते हुए बरी कर दिया है। 

आरुषि तलवार मर्डर केस में पढ़ें जज ने क्या कहा:

  • ऐसा कोई ठोस तथ्य नहीं है जिससे की साबित हो कि दंपत्ति तलवार ने हत्या की है
  • ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं जिससे कि साबित हो कि आरुषि के माता-पिता ने हत्या को अंजाम दिया
  • केवल परिस्थितिजन्य सबूत हैं
  • न्याय में नियम है कि यदि कोई ऐसी स्थिति है जहां संदेह है, तो उसे आरोपी के पक्ष में रखना होगा
  • इस मामले में संदेह का लाभ तलवारों के पक्ष में जाता है

क्या है मामला ?

नोएडा के जलवायु विहार स्थित फ्लैट में मई 2008 में 14 साल की आरुषि का शव मिला था। अगले ही दिन बाद घर की छत पर नौकर हेमराज का शव मिला। मामले में सीबीआई ने जांच की थी। सीबीआई के हाथों जांच जाने से पहले यूपी पुलिस ने मामले की जांच की थी, जिसमें खासी मशक्कत करनी पड़ी थी।

जांच को लेकर पुलिस लंबे समय तक किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई थी जिसके कारण उसे आलोचना का शिकार भी होना पड़ा था। जिसके बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।

गाजियाबाद स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने 26 नवंबर, 2013 को डॉ. राजेश तलवार और डॉ. नुपुर तलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ तलवार दंपति ने हाई कोर्ट का दरवाजा खट-खटाया था। तलवार दंपति इस समय गाजियाबाद की डासना जेल में सजा काट रहे हैं।