आधार के जरिए 80,000 'फर्जी' शिक्षकों का चला पता, मानव संसाधन मंत्री जावडेकर का दावा
शुक्रवार को देश के उच्च शिक्षण संस्थानों को लेकर देशभर में किए गए सर्वे (AISHE) 2016-17 की रिपोर्ट को रिलीज किया गया।
नई दिल्ली:
शुक्रवार को देश के उच्च शिक्षण संस्थानों को लेकर देशभर में किए गए सर्वे (AISHE) 2016-17 की रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में आधार कार्ड नंबर की अनिवार्यता के बाद लगभग 80,000 ऐसे शिक्षकों का पता चला है जिनका कोई वजूद ही नहीं है।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने इस रिपोर्ट को जारी करते हुए यह जानकारी दी है।
जावडे़कर ने कहा, 'कुछ ऐसे शिक्षक हैं जो प्रॉक्सी तरीका अपनाते हैं और और कई जगहों पर पूर्णकालिक कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं। आधार शुरू होने के बाद, ऐसे 80 हजार शिक्षकों की पहचान हुई है और उनके खिलाफ कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है।'
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हालांकि प्रकाश जावडे़कर ने यह स्पष्ट किया है कि इनमें से कोई भी शिक्षक किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय से नहीं है।
गौरतलब है कि अब तक, 85 प्रतिशत टीचर्स ने अपने आधार नंबर दिए हैं और मंत्रालय का मानना है कि फर्जी टीचर्स की तादाद और बढ़ सकती है।
मंत्रालय ने सभी विश्वविद्यालयों से सभी कर्मचारियों और छात्रों से आधार संख्या मांगने के लिए कहा है जिससे नकल न हो सके।
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