logo-image

लोकसभा चुनाव 2019: बेटे को कांग्रेस का टिकट मिला तो BJP नेता ने छोड़ा मंत्री पद, अब बेटे के खिलाफ चुनाव प्रचार का दबाव

हिमाचल प्रदेश में भाजपा अपने नेता अनिल शर्मा को निशाना बनाए जा रही है, जिन्होंने जयराम ठाकुर (Jai Ram Thakur) की अगुवाई वाली कैबिनेट से दो दिन पहले इस्तीफा दे दिया. भाजपा अपने पूर्व ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा (Anil Sharma) से पुत्र प्रेम या पार्टी में से किसी एक को चुनने के लिए कह रही है.

Updated on: 15 Apr 2019, 12:12 PM

नई दिल्ली:

हिमाचल प्रदेश में भाजपा अपने नेता अनिल शर्मा को निशाना बनाए जा रही है, जिन्होंने जयराम ठाकुर (Jai Ram Thakur) की अगुवाई वाली कैबिनेट से दो दिन पहले इस्तीफा दे दिया. भाजपा अपने पूर्व ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा (Anil Sharma) से पुत्र प्रेम या पार्टी में से किसी एक को चुनने के लिए कह रही है. अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. आश्रय ने राजनीति अपने पिता और अपने दादा पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री सुखराम (Sukhram) से सीखी है.

यह भी पढ़ें- जया प्रदा पर किए गए आपत्तिजनक बयान पर भड़के सुब्रमण्यम स्वामी, कहा- आजम खान नीच से भी नीच है

आश्रय भाजपा सांसद राम स्वरूप शर्मा के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं. चुनाव प्रचार की अगुआई कर रहे भाजपा के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मतदाताओं को यह बताना कभी नहीं भूलते कि उनकी कैबिनेट के पूर्व मंत्री अपने बेटे के मोह में चुनाव प्रचार नहीं कर रहे हैं. उन्होंने सार्वजनिक सभाओं में कहा है कि अगर अनिल शर्मा को पार्टी में बने रहना है तो उन्हें वहां से भी प्रचार करना होगा, जहां से उनका बेटा चुनाव लड़ रहा है.

भाजपा महासचिव चंद्र मोहन ठाकुर के मुताबिक शर्मा को या तो पुत्र मोह से ऊपर उठना चाहिए या उन्हें पार्टी से इस्तीफा देना होगा. आपको बता दें कि मंडी के अपने गढ़ में पंडित जी के नाम से लोकप्रिय छह बार के विधायक और तीन बार सांसद रह चुके सुखराम शर्मा और उनके पोते आश्रय शर्मा ने भाजपा छोड़ने के बाद 25 मार्च को कांग्रेस का हाथ थाम लिया था.

यह भी पढ़ें- हिमाचल प्रदेश: शिमला के कोटि गांव में लगी भीषण आग, 7 घर जलकर हुए खाक

अपने प्रतिद्वंदियों पर पलटवार करते हुए राज्य कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष कुलदीप राठौड़ कहते हैं कि अनिल शर्मा के बेटे को मंडी से उतारकर पार्टी भाजपा को गुगली से आउट करने की कोशिश कर रही है. राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि अनिल शर्मा के बेटे को प्रत्याशी बनाना कांग्रेस के द्वारा किया गया एक चतुराई भरा कदम है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह क्षेत्र मंडी है.

विधानसभा चुनाव में अनिल शर्मा के पिता सुखराम ने मंडी से भाजपा को 10 सीटों पर जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. आश्रय शर्मा भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहते हैं कि उनके पिता की आत्मा कांग्रेस में है, भाजपा तो बस शरीर है. कांग्रेस के अभियान के शुरू होने के मौके पर अनिल शर्मा ने घोषणा की थी कि वह भाजपा के लिए ही प्रचार करेंगे, लेकिन अपने बेटे के खिलाफ प्रचार नहीं करेंगे. 12 अप्रैल को उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन भाजपा की सदस्यता और राज्य की विधान सभा से इस्तीफा नहीं दिया था. हिमाचल प्रदेश में 19 मई को चार लोकसभा सीटों पर मतदान होगा. नतीजे 23 मई को आएंगे.