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हिमाचल चुनाव: कांग्रेस-बीजेपी में सीधा मुकाबला, पहली बार सभी सीटों पर होगा VVPAT का इस्तेमाल

हिमाचल प्रदेश में महीनों चले चुनाव प्रचार के बाद आज वोट डाले जाएंगे। पहाड़ी राज्य की सभी 68 विधानसभा सीटों पर मुख्य रूप से कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधा मुकाबला है।

Updated on: 09 Nov 2017, 08:16 AM

highlights

  • हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों पर गुरुवार को डाले जाएंगे वोट
  • विधानसभा चुनाव के लिए 338 उम्मीदवार हाथ आजमा रहे हैं
  • सभी सीटों पर कांग्रेस-बीजेपी का है मुकाबला, बीएसपी ने भी उतारे हैं उम्मीदवार

नई दिल्ली:

हिमाचल प्रदेश में महीनों चले चुनाव प्रचार के बाद आज वोट डाले जाएंगे। पहाड़ी राज्य की सभी 68 विधानसभा सीटों पर मुख्य रूप से कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधा मुकाबला है। गुरुवार सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा।

निर्वाचन आयोग के मुताबिक, विधानसभा चुनाव के लिए 338 उम्मीदवार हाथ आजमा रहे हैं। जिसमें 19 महिलाएं हैं। वहीं 112 निर्दलीय उम्मीदवार हैं।

बहुजन समाज पार्टी 42 सीटों पर, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) 14 सीटों पर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) तीन, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) दो-दो सीटों पर चुनाव लड़ रहीं हैं।

कितने हैं मतदाता?

हिमाचल प्रदेश में कुल 50.2 लाख मतदाताओं में से 25.68 लाख पुरुष और 24.57 लाख महिला मतदाता हैं, जो नौ नवंबर को अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। राज्य में 7,525 मतदान केंद्रों पर मत डाले जाएंगे।

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चुनाव आयोग के मुताबिक, क्षेत्र के हिसाब से लाहौल और स्पीति सबसे बड़ा और मतदाताओं की संख्या के आधार पर सबसे छोटा निर्वाचन क्षेत्र है। धर्मशाला में अधिकतम 12 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जबकि झंडुता में सबसे कम, सिर्फ दो उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

वे मुद्दे जिसके आधार पर डाले जाएंगे वोट

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के सर्वे के मुताबिक, इस बार के चुनाव मतदातों के सामने रोजगार, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, महिला सुरक्षा, उम्मीदवारों की योग्यता, बिजली सप्लाई, सड़क, पीने का पानी और कानून व्यवस्था समेत कई अहम मुद्दे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, मतदाता नोटबंदी, जीएसटी जैसे मुद्दे भी ध्यान में रखकर वोट डालेंगे।

सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त

हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुष्पेंद्र राजपूत ने बताया कि निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पुलिस और होमगार्ड के 17,850 कर्मियों के अलावा केंद्रीय अर्द्धसैन्य बल की 65 कंपनियां तैनात की गयी है। चुनावी गतिविधियों की लाइव मॉनिटरिंग के लिए 2307 मतदान केंद्रों में वेब कास्टिंग का इस्तेमाल किया जाएगा।

वीवीपीएटी से होगा मतदान

चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश में सभी मतदान केंद्रों पर मतदाता सत्यापन कागज ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) वीवीपैट मशीनों के इस्तेमाल का फैसला किया है। आपको बता दें की उत्तर प्रदेश विधानसभा चुना के बाद विपक्ष दलों ने ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाये थे। जिसके बाद चुनाव आयोग अब चुनावों में वीवीपीएटी का इस्तेमाल करेगी।

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चुनाव आयोग के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में दर्ज किए गए मतों की गिनती के आखिरी दौर के बाद पेपर स्लिप का सत्यापन किया जाएगा।

प्रमुख चेहरे

हिमाचल प्रदेश में 1993 के बाद से कोई भी सरकार लगातार दो टर्म तक नहीं रही है। कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी ने राज्य का नेतृत्व किया है। इस बार के चुनाव में दोनों ने अपने 'ओल्ड एज' पर भरोसा जताया है।

कांग्रेस ने पार्टी के सबसे दिग्गज, आठ बार के विधायक, छह बार के मुख्यमंत्री, पांच बार के लोकसभा सांसद और 50 साल से कोई चुनाव नहीं हारने वाले 83 वर्षीय नेता वीरभद्र सिंह को मुख्यमंत्री चेहरा बनाया है। वह सोलन जिले के अर्की विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

अर्की सीट पर पिछले एक दशक से भारतीय जनता पार्टी का परचम लहरा रहा है। बीजेपी ने रत्न पाल सिंह को वीरभद्र सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा है।

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बीजेपी हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रेम कुमार धूमल को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है। पार्टी राज्य में दोबारा से बहुमत में आती है तो सिंह सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। धूमल सुजानपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने इस सीट से रजिंदर सिंह राणा को उतारा है।

वहीं मंडी सदर सीट से पूर्व दूरसंचार मंत्री सुखराम के बेटे अनिल शर्मा (बीजेपी) हाथ आजमा रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने अपने मंत्री कौल सिंह ठाकुर की बेटी चंपा ठाकुर को मैदान में उतारा है।

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