सुप्रीम कोर्ट का CBSE को निर्देश, NEET के लिए हिंदी, अंग्रेजी सहित सभी भाषओं में एक हो प्रश्न पत्र
इसी साल सात मई को NEET-2017 की परीक्षा के बाद से बोर्ड विवादों में है। ऐसे आरोप लगे हैं कि ज्यादातर क्षेत्रीय भाषाओं के पेपर अंग्रेजी और हिंदी भाषा के पेपर से मुश्किल थे।
highlights
- नीट परीक्षाओं में प्रश्न पत्र को लेकर कई छात्रों ने जताया था असंतोष
- छात्रों का आरोप- हिंदी, अंग्रेजी के मुकाबले क्षेत्रीय भाषाओं में पेपर ज्यादा कठिन
- इस साल 7 मई को हुई थी नीट की परीक्षा, गुजराती, तमिल से लेकर बंगाली भाषा तक में होती है नीट परीक्षा
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के क्षेत्रीय भाषाओं में नेशनल एलिजिबिलिटी एंड एंट्रेस टेस्ट (NEET) के लिए अलग-अलग प्रश्न पत्र सेट करने पर अपना असंतोष जाहिर किया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी NEET परीक्षाओं के लिए एक ही प्रश्नपत्र होने चाहिए। छात्रों की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीएसई को अगले साल से एक हलफनामा दाखिल कर बताना होगा कि वह किसी तरीके से परीक्षा लेंगे।
दरअसल, इसी साल सात मई को NEET-2017 की परीक्षा के बाद से बोर्ड विवादों में है। ऐसे आरोप लगे हैं कि ज्यादातर क्षेत्रीय भाषाओं के पेपर अंग्रेजी और हिंदी भाषा के पेपर से मुश्किल थे। बताते चलें कि यह आरोप पहले से भी लगते रहे हैं।
Supreme Court observed that there should be a common question paper for #NEET examinations
— ANI (@ANI) August 10, 2017
इससे पहले 15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने नीट-2017 की परीक्षा रद्द करने से इंकार कर दिया था। अगर परीक्षा रद्द होती तो 6 लाख से ज्यादा उम्मीदवार प्रभावित होते।
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