विशेषज्ञ की राय, सिर्फ बच्चे नहीं व्यस्कों के लिए भी जरूरी है टीकाकरण
विश्व टीकाकारण सप्ताह लोगों में टीकाकरण को बढ़ावा देने का अच्छा अवसर है, जिससे उनके अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित किया जा सकता है और उन्हें कई प्रकार की संचारी एवं गैर-संचारी बीमारियों से सुरक्षित रखा जा सकता है.
नई दिल्ली:
विश्व टीकाकारण सप्ताह लोगों में टीकाकरण को बढ़ावा देने का अच्छा अवसर है, जिससे उनके अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित किया जा सकता है और उन्हें कई प्रकार की संचारी एवं गैर-संचारी बीमारियों से सुरक्षित रखा जा सकता है. 24 अप्रैल से शुरू विश्व टीकाकारण सप्ताह 30 अप्रैल तक चलेगा. इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के इंटरनल मेडीसन विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. तरुण साहनी का कहना है कि टीकाकरण सिर्फ बच्चों के लिए नहीं है. वे व्यस्कों के लिए भी अच्छे स्वास्थ्य और जीवन की बेहतर गुणवत्ता को सुनिश्चित करते हैं. वैक्सीन यानी विभिन्न प्रकार के टीके जीवन की हर अवस्था में हमें कई बीमारियों से बचाते हैं. बचपन में दी गई वैक्सीन के प्रभाव को बढ़ाने के लिए वयस्कों को वैक्सीन दी जा सकती है.
विश्व टीकाकारण सप्ताह (24-30 अप्रैल) के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की थीम है 'प्रोटेक्टेड टूगेदर वैक्सीन्स'. भारत में कई धार्मिक अवधारणाओं और सिद्धांतों के चलते टीकाकरण प्रोग्रामों के संचालन में कई चुनौतियां हैं. हालांकि भारत सरकार ने इन मुद्दों के समाधान के लिए बहुत काम किया है, लेकिन इस दिशा में अभी बहुत काम किया जाना बाकी है.
और पढ़ें: गर्मियों में होने वाली बीमारियों से बचें, अपनाएं ये आसान टिप्स
डॉक्टर साहनी के अनुसार, टीकाकारण कई विश्वस्तरीय स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान में भी मदद करता है, यह सीमापार बैक्टीरिया एवं वायरस के संचार को रोकता है. इसके अलावा बीमारियां फैलने का बुरा असर पर्यटन, कारोबार और अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है. विभिन्न स्वास्थ्य एजेंसियां एहतियात के तौर पर वैक्सीनेशन यानी टीकाकरण की सलाह देती हैं. दुनिया के कई हिस्सों में पर्यटकों के लिए येलो फीवर की वैक्सीन और फोटोबूस्टर अनिवार्य हैं, जहां इन बीमारियों का प्रसार अधिक मात्रा में पाया जाता है. टीकाकरण के द्वारा बीमारी की संभावना को न्यूनतम किया जा सकता है.
उन्होंने बताया कि हाल ही में मलेरिया के लिए एक नई वैक्सीन आरटीएस एस का विकास किया गया है. इस वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विकसित और अनुमोदित किया गया है.
डॉक्टर साहनी के अनुसार, जीवन की विभिन्न अवस्थाओं में दिए जाने वाले विभिन्न टीके/वैक्सीन- मीजल्स, मम्प्स, रूबेला (एमएमआर), पोलियो (आईपीवी), डिफ्थिरिया, टिटनेस और कुकर खांसी (परट्यूसिस; डीटीएपी), चिकन पॉक्स, हेपेटाइटिस बी (हेप बी), हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (एचआईबी), हेपेटाइटिस ए (हेप ए), इन्फ्लुएंजा (फ्लू) आदि.
ये भी पढ़ें: सावधान! बच्चे को टीका नहीं पड़ने से कई गुना बढ़ सकता है खसरे का प्रकोप
यह जरूरी है कि स्वास्थ्य कर्मियों को हेपेटाइटिस बी, इन्फ्लुएंजा, एमएमआर, वैरीसेला और टीडीएपी वैक्सीन दिए जाएं. सभी आयु वर्गों में टीकाकरण के बारे में जागरूकता बढ़ाकर दुनियाभर में बीमारियों के बोझ को कम किया जा सकता है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह