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मीठी गोलियों का जादू, जड़ से बीमारी को दूर करने की कूबत सिर्फ होम्‍योपैथी में

9-10 अप्रैल यानी की 2 दिन Dr Samuel Hahnemann की याद में वर्ल्ड होम्योपैथिक डे मनाया जा रहा है. होम्योपैथिक दवाओं की खोज करने वाले डॉक्टर सैमुअल एक फिजीशियन थे.

Updated on: 10 Apr 2019, 05:08 PM

नई दिल्‍ली:

9-10 अप्रैल यानी की 2 दिन Dr Samuel Hahnemann की याद में वर्ल्ड होम्योपैथिक डे मनाया जा रहा है. होम्योपैथिक दवाओं की खोज करने वाले डॉक्टर सैमुअल एक फिजीशियन थे. कई असाध्‍य रोगों में होम्योपैथिक दवाएं एक तरीके से वरदान मानी जाती हैं. इन मीठी गोलियों का जादू ऐसा है कि ये कई खतरनाक बीमारियों से हमेशा के लिए निजात दिला देती हैं. हाल में ही आईं एक रिपोर्ट के अनुसार किडनी और थायरायड रोग से निजात दिलाने के लिए सबसे अच्छा तरीका हौम्योपैथिक दवाएं हैं.

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डॉ पुनीत सरपाल बताते हैं कि गुर्दा व गलग्रंथि (थायरायड) संबंधी रोग के उपचार के लिए होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति फायदेमंद है. होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से मरीजों का इलाज समय से शुरू होने से 50 फीसदी मरीजों का सफल इलाज हो सकता है और गुर्दा संबंधी तकलीफ से उनको निजात मिल सकती है. 

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दरअसल होम्योपैथी सरल, सुलभ और दुष्परिणाम रहित व कम खर्चीली पद्धति है. इन दवाओं से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. होम्योपैथी बैक्टीरिया एवं वायरस से होने वाली कई बीमारियों जैसे चिकन पॉक्स, खसरा, मम्प्स, चिकुनगुनिया, डेंगू, स्वाइन फ्लू, जापानी इंसेफलाइटिस आदि के रोकथाम में काफी प्रभावी है.

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होम्यापैथी बच्चों में वंशानुगत बीमारियों की संभावना दूर करती है. इससे साइनस, टांसलाइटिस, ट्यूमर, सिस्ट, फाइब्राइट, प्रोलेप्स ऑफ यूटेरस, गुदा द्वार का बाहर निकलना, पाइल्स, फिस्चुला आदि का इलाज संभव है. चर्म रोग में भी दवा काफी असरदार साबित होती है.

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मासिक चक्र की गड़बड़ी, श्वेत प्रदर, हार्मोनल समस्या, बांझपन, मेनोपाज की परेशानी का इलाज होम्योपैथिक में है. होम्योपैथिक कॉलेज के डॉ. अमित नायक ने बताया कि मानसिक बीमारियों के साथ ही नरवस सिस्टम से जुड़ी समस्याओं में भी इन दवाओं से बेहतर इलाज संभव है. साथ ही बीड़ी, सिगरेट, पान, तंबाकू, शराब की लत भी छुड़ाई जा सकती है.