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Women Health: महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा यूरिन इंफेक्शन, पेशाब के समय जलन होना है बड़ा लक्षण

महिलाएं एक तरफ अपने परिवार की सेहत से लेकर हर जरुरी चीजों का ख्याल रखती हैं. लेकिन वहीं महिलाओं की खुद के स्वास्थ्य की बात आत़ी है तो ताउम्र उसकी अनदेखी करती रहती है शायद इसलिए आज वो तमाम बीमारियों से जूझ रही है.

Updated on: 04 Dec 2019, 06:47 AM

नई दिल्ली:

कहते है महिलाओं के बिना घर मात्र एक ईंटो का मकान है. घर से लेकर परिवार के हर सदस्यों की देखरेख महिलाओं के कंधे पर ही टिकी रहती है. वहीं महिलाएं अब घर ही नहीं बल्कि बाहर दोनों की जिम्मेदारियां मजबूती से निभा रही है. महिलाएं एक तरफ अपने परिवार की सेहत से लेकर हर जरुरी चीजों का ख्याल रखती हैं. लेकिन वहीं महिलाओं की खुद के स्वास्थ्य की बात आत़ी है तो ताउम्र उसकी अनदेखी करती रहती है शायद इसलिए आज वो तमाम बीमारियों से जूझ रही है. ब्रेस्ट कैंसर, डायबिटिज, एनीमिया, हार्ट की परेशान की बात छोड़ दें तो इन दिनों महिलाएं यूरिन इंफेक्शन से भी सबसे ज्यादा प्रभावित है. यूरिनरी कॉर्ड में होने वाला एक संक्रमण है, जिसे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) भी कहा जाता है.

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एक रिपोर्ट के के अनुसार, 40 प्रतिशत महिलाएं जीवन में कभी न कभी UTI से ग्रसित होती हैं. यह जीवाणु जन्य संक्रमण है, जिसमें यूरिनरी कॉर्ड का कोई भी भाग प्रभावित हो सकता है. वहीं विशेषज्ञों की माने तो यूरिन में जीवाणु नहीं होते हैं और यह संक्रमण यूरिन में जीवाणु की मौजूदगी के कारण होता है. कुछ सावधानियां बरतकर इस संक्रमण से बचा जा सकता है.

यूरिन इंफेक्शन के लक्षण (Symptoms of Urine infection)

1. बार-बार पेशाब आना

2. पेशाब करते समय जलन होना 

3. पानी पीने के बाद भी पेशाब का कम होना और वजाइना में रहना 

4. कभी-कभी पेशाब के साथ खून आना

5. पेट के नीचे वाले भाग में दर्द रहना

6. बुखार आना

7. पेशाब से बदबू आना

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यूरिन इंफेक्शन के कारण (Causes of Urine infection)

. साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देना

. सुरक्षित सेक्स न करना

. पानी का कम पीना

. गंदे टॉयलेट का इस्तेमाल करना

. पेशाब का देर तक रोकना

.  कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लैडर पर यूट्रस का दबाव बढऩे लगता है, इससे कुछ स्त्रियों को ऐसी समस्या होती है.

यूरिन इंफेक्शन से बचाव और सावधानी (Prevention and caution from Urine infection)

- खूब सारा पानी पिएं

- हमेशा सुरक्षित सेक्स करें और कंडोम को प्राथमिकता दें 

- सेक्स करने से पहले और बाद में प्राइवेट पार्ट को साफ पानी और साबून से धोना न भूलें

- नहाते समय या पेशाब करने के (toilet) के बाद प्राइवेट पार्ट को साफ करने वाले प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें

- पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करने से बचें

- वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल फ्लश करने के बाद ही करें या पी स्प्रे (Pee Spray) छिड़तक इस्तेमाल करें.

- प्राइवेट पार्ट/वजाइना के सफाई का विशेष ध्यान रखें

- अंडरवियर को धूप में ही सुखाएं, जिससे वहां पनपने वाले बैक्टैरियां खत्म हो सके

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- पीरियड के समय सफाई का खास ध्यान रखें, सैनेटरी नैपकीन 4-5 घंटों में या भिगने के एहसास होने पर बदलते रहे

- पीरियड और रोज इस्तेमाल होने वाले अंडरवियर को अलग रखें

- खान-पान का खास ध्यान रखें.

- यूरिन इंफेक्शन के समय तरल और मसालेदार पदार्थों से दूरी बनाएं.

- अपनी डाइट में पेय पदार्थ (जूस, पानी, नारियल के पानी) को विशेष तवज्जों दें.

 कॉटन फैब्रिक के ही अंडरगारमेंट पहनें, जिससे त्वचा हमेशा सूखी बनी रहे और बैक्टीरियल फॉर्मेशन न हो.

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गर्भावस्था के दौरान यूरिन इंफेक्शन होने पर बरतें विशेष सावधानी

गर्भावस्था के दौरान सफाई का विशेष ध्यान रखें. यूटीआई होने पर मरीज को पेशाब में रुकावट, गुप्तांग में लाल चकत्ते पड़ना, जलन और पेशाब में ब्लड पास होने की दिक्कत हो सकती है. इसका ठीक से इलाज न होने पर संक्रमण किडनी तक पहुंच सकता है. इससे शरीर में खून की कमी हो सकती है. किडनी में एरिथ्रोपीटिन नामक हॉर्मोन होता है जिससे बोनमैरो के जरिए रेड ब्लड सेल बनती है. किडनी में इंफेक्शन होने से हॉर्मोन का असर कम होने लगता है, जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन घट जाता है.