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स्वस्थ त्वचा के लिए इन तेलों का करें इस्तेमाल!

इन तेलों को किसी भी पतले तेल में मिलाकर ही प्रयोग करें, क्योंकि विशुद्ध रूप में इन तेलों का इस्तेमाल करने से त्वचा पर लालिमा पड़ने या जलन होने की आशंका रहती है।

Updated on: 23 Feb 2017, 07:26 PM

नई दिल्ली:

तेल हमारी त्वचा में चमक बरकरार रखने और उसे स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जोजोबा और कैंलेंडुला के सत्व वाले तेल आपकी त्वचा पर न केवल चमत्कारी असर दिखाते हैं बल्कि इसे स्वस्थ भी बनाए रखते हैं। बच्चों के लिए पहला टॉक्सिन-फ्री उत्पाद पेश करने वाले होनासा कंज्यूमर प्राइवेट लिमिटेड के 'मामाअर्थ' ब्रांड की सह-संस्थापक गजल अलघ ने त्वचा के लिए आवश्यक तेलों के ये फायदे बताए हैं -

- जोजोबा का तेल

त्वचा को ज्यादा तेलीय और रूखा होने से बचाता है। जीवाणु रोधी गुण होने के कारण यह त्वचा की जलन और खुजली को भी दूर करता है। यह त्वचा में नमी बरकरार रखता है, जिससे खुजली और रूखापन नहीं होता। यह एक्जिमा को रोकने में मददगार साबित होता है।

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- कैलेंडुला का तेल

त्वचा पर प्रभावी रूप से असर कर इसे स्वस्थ रखता है। यह त्वचा में चमक भी लाता है। यह आंखों की रोशनी बढ़ता है और सूजन भी कम करता है।

- लैवेंडर का तेल

सुकून पहुंचाने के साथ ही बढ़िया नींद लाने में कारगर होता है। यह जीवाणुरोधी गुणों वाला होने के कारण बालों से संबंधित कई समस्याओं से निजात दिलाता है। यह रूसी को खत्म कर बालों का झड़ना रोकता है।

- कैमोमाइल का तेल

त्वचा को कोमल और स्वस्थ रखता है। यह एक्जिमा, घाव, अल्सर, जल जाने पर, त्वचा में जलन या खुजली होने प्राकृतिक उपचार के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा सकता है। इसे निपल की त्वचा फट जाने पर या बच्चों को डायपर पहनने के कारण हो जाने वाले रैशेज या दोनों पर भी लगाया जा सकता है। यह माहवारी के दौरान शरीर में होने वाली ऐंठन या दर्द से भी छुटकारा दिलाता है।

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- यूकेलिप्टस (नीलगिरी) का तेल

आपको बीमार कर देने वाले सूक्ष्म-जीवाणुओं और शरीर से हानिकारक पदार्थो को हटाने में कारगर है। यूकेलिप्टस का तेल अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, तपेदिक जैसी बीमारियों के इलाज में भी प्रभावकारी असर दिखाता है। यूकेलिप्टस के तेल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, इसलिए यह जल जाने, कट जाने, घाव, खरोंच होने पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

महत्वपूर्ण तथ्य: इन तेलों को किसी भी पतले तेल में मिलाकर ही प्रयोग करें, क्योंकि विशुद्ध रूप में इन तेलों का इस्तेमाल करने से त्वचा पर लालिमा पड़ने या जलन होने की आशंका रहती है।