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एक्सीडेंट या प्रेगनेंसी में अब नहीं होगा अत्‍यधिक रक्‍तस्राव, बचेगी लाखों की जान

भारत से 70 और अमेरिका से कुछ डॉक्टर्स ने भाग लिया और शोध के हर बारीकियों को समझा

Updated on: 12 Mar 2019, 09:17 AM

नई दिल्ली:

अब ऐसी दवाएं बन रहीं हैं जिनसे एक्सीडेंट, प्रेगनेंसी या ऑपरेशन के समय अधिक मात्रा में बहने वाले खून से होने वाली मौतों को कम किया जा सकेगा. इन दवाओं से रक्‍तश्राव की तुरंत रोकथाम की जा सकती है, 'फारमाज़ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' ने दिल्ली में एक मीटिंग का आयोजन किया जिसका मुख्य उदेश्य था उन दवाओं की शोध पर जानकारी देना, जिससे डॉक्टरों को मरीज की जान बचाने के लिए लगभग 6 से 7 घंटे तक का अधिक क्रिटिकल समय मिल जाएगा. इस कार्यक्रम में पूरे भारत से 70 और अमेरिका से कुछ डॉक्टर्स ने भाग लिया और शोध के हर बारीकियों को समझा.

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गत 9 सालों के निरंतर शोध से इस संस्थान के वैज्ञानिकों ने इस दिशा में महत्वपूर्ण दवाइयों का शोध किया है जो की क्लिनिकल ट्रायल तक पहुंच गयी है और उम्मीद है की जल्द ही ये दवाइयां भारत में सर्वप्रथम हमारे चिकित्सकों को उपलब्ध होगीं और लाखों जान बचाने में सहायक होगी. इन दवाइयों का क्लिनिकल ट्रायल भारत में 25 प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में चल रहा है जिसकी निगरानी (सुपरविज़न) 20 क्लिनिकल एक्सपर्ट्स कर रहे है.

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कंपनी के संस्थापक एवं निदेशक डॉ प्रो अनिल गुलाटी ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है की ये दवाइयां लाखों लोगो की भारत में जान बचाने में समर्थ होगी और यह एक रेवोलुशन होगा. प्रो. अनिल गुलाटी ने यह भी कहा कि बढ़ती आबादी का मतलब है कि अल्जाइमर रोगियों की संख्या भी बढ़ेगी. हम जिस दवा का परीक्षण कर रहे हैं, उसने दिखाया है कि पशुओं में यह बीमारी के प्रभाव को कम करती है.

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रीढ़ की हड्डी की चोट के मॉडल में परिणाम भी अत्यंत उत्साहजनक हैं. इन दोनों के मॉडल पर अध्ययन प्रगति पर हैं. आपने अक्सर सुना होगा कि कार या बाइक ऑक्सीडेंट में भारी मात्रा में खून बह जाने के कारण डॉक्टर मरीज की जान नहीं बचा पाये. अगर आप आकड़ों की बात करें तो सड़क दुर्घटनाओं में लगभग प्रतिवर्ष 6.5 लाख लोगों की जानें जाती है, वही - प्रसव के बाद के अत्यधिक रक्तस्राव से करीब 1 लाख महिलायें और सर्जरी एवं कुछ दवाइयों के कारण हुई रक्तस्राव से भी काफी मृत्यु होती है. अनुमानतः करीब 8 लाख लोगों की मृत्यु अत्यधिक रक्तश्राव से हो जाती है .