अगर आप मोटापे से परेशान होकर कराने जा रहे है सर्जरी तो हो जाएं सावधान, हो सकता है ये बड़ा नुकसान
बेरियाट्रिक सर्जरी एक ऐसी सर्जरी है, जिससे मोटापे से ग्रसित लोग इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं. भयंकर मोटापे की वजह से मधुमेह, हाइपरटेंशन, हाई कॉलेस्ट्रॉल और अनिंद्रा की समस्या होने लगती है.
नई दिल्ली:
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बेरियाट्रिक सर्जरी भले ही मोटापे से ग्रसित कई किशोरों के लिए जीवन बदलने वाला कदम साबित हो सकता है. लेकिन इस सर्जरी से भविष्य में उनके शरीर में पोषण तत्वों की कमी हो सकती है, जिसका सही तरीके से ध्यान न रखने पर उन्हें स्वास्थ्य संबंधित समस्या हो सकती है. उन्होंने कहा है कि इससे निपटने के लिए जीवनशैली में बदलाव के साथ स्वस्थ खाना और व्यायाम मददगार हो सकता है.
ये भी पढ़ें: जानें अवसाद से क्यों जूझ रहे खिलाड़ी, खुदकुशी करने की ठान चुके इस बड़े खिलाड़ी ने बताई वजह
बेरियाट्रिक सर्जरी एक ऐसी सर्जरी है, जिससे मोटापे से ग्रसित लोग इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं. भयंकर मोटापे की वजह से मधुमेह, हाइपरटेंशन, हाई कॉलेस्ट्रॉल और अनिंद्रा की समस्या होने लगती है.
देखा जाए तो कई तरह की बेरियाट्रिक सर्जरी होती हैं, लेकिन सर्जन प्रमुखत: तीन तरह की सर्जरी का प्रयोग करते हैं, जो है- रूक्स-एन-वाई गैस्ट्रिक बाईपास, वर्टिकल स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी और लैप्रोस्कोपिक एडजस्टेबल गैस्ट्रिक बैंडिंग.
हालांकि बेरियाट्रिक सर्जरी के साइड इफेक्ट में संक्रमण, अस्थियों में कमजोरी, एनीमिया, डायरिया, पोषण की कमी, गैस की समस्या, हर्निया, गर्भधारण में समस्या जैसी परेशानियां देखी जा सकती हैं.
और पढ़ें: Air Pollution से सांस की ही नहीं बल्कि इस बीमारी का भी रहता है भारी खतरा
दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल की मिनिमली इनवैसिव सर्जरी विभाग की वरिष्ठ सलाहकार फैजल मुमताज ने इस बारे में कहा, 'इसे या तो रेस्ट्रीक्टिव या फिर रेस्ट्रीक्टिव और मैलेबसोप्र्शन संयुक्त होना चाहिए. रेस्ट्रीक्टिव बेरियाट्रिक सर्जरी पेट के आकार को कम करती है. यह खाने की सीमा को सीमित करती है, जिससे पेट के भरे होने का अहसास होता है.'
उन्होंने आगे कहा, 'मैलेबसोप्र्शन बेरियाट्रिक सर्जरी शरीर में पोषण को सीमित करती है और मरीजों को पोषण सप्लीमेंट(आयरन, बी1, बी2, बी12 आदि) दिया जाता है.'
हाल ही में क्लीनिकल गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी और हेपेटोलॉजी में छपे एक लेख के अनुसार शोधकर्ताओं को पता चला है कि रूक्स-एन-वाई गैस्ट्रिक बाईपास और वर्टिकल स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी से विटामिन बी12 और आयरन की कमी होती है.
ये भी पढ़ें: लो जी! आ गई भूलने वाली बीमारी की दवाई, इस महीने से आ जाएगी बाजार में
विटामिन बी12 से ग्रसित लोग न सिर्फ एनीमिया से जूझते हैं, बल्कि अवसाद, चिड़चिड़ापन और भूलने की समस्या भी उन्हें परेशान करती है. वहीं नई दिल्ली स्थित सरोज सुपर स्पेशियलटी हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट आर. पी. सिंह का कहना है कि किशोरों को इस तरह की सर्जरी से बचना चाहिए.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Alia Bhatt: टाइम मैग्जीन के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में आलिया भट्ट ने किया टॉप, खुश हुए फैंस
-
Raveena Tandon On Payment: बॉलीवुड में एक्ट्रेस की फीस को लेकर रवीना टंडन का खुलासा, एक फिल्म से मालामाल हो जाते थे हीरो
-
Bollywood On Ram Lalla Surya Tilak: राम लला के सूर्य तिलक पर झूमे बॉलीवुड स्टार्स, देखें रिएक्शन
धर्म-कर्म
-
Shardiya Navratri 2024 Date: कब से शुरू होगी शारदीय नवरात्रि? जानें सही तिथि और घटस्थापना का मुहूर्त
-
Ram Navami 2024: सोने-चांदी के आभूषण, पीले वस्त्र.... राम नवमी पर रामलला को पहनाया गया सबसे खास वस्त्र
-
Ram Lalla Surya Tilak: इस तरह हुआ राम लला का सूर्य तिलक, इन 9 शुभ योग में हुआ ये चमत्कार
-
Ram Lalla Surya Tilak Types; राम लला को कितनी तरह के तिलक किए जाते हैं ,जानें उनका महत्व