वैज्ञानिकों ने नई तकनीक की विकसित, स्पर्श से हो सकेगा चोटिल हुए अंगों का इलाज
भारतीय वैज्ञानिक और वैज्ञानिकों के समूह ने एक ऐसा डिवाइस विकसित किया है जो शरीर में त्वचा कोशिकाओं सिर्फ छूने से ही किसी दूसरे प्रकार की कोशिका में बदला जा सकता।
नई दिल्ली:
तरक्की करता विज्ञान कई रोगों के इलाज के लिए नायब और हैरतंगेज तरीकों की खोज करता है। भारतीय वैज्ञानिक और वैज्ञानिकों के समूह ने एक ऐसा डिवाइस विकसित किया है जो शरीर में त्वचा कोशिकाओं सिर्फ छूने से ही किसी दूसरे प्रकार की कोशिका में बदला जा सकता है।
अमेरिका की ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस नई तकनीक को विकसित किया है जिसका नाम 'टिशु नैनोट्रांस्फेक्शन' (TNT) है और इसका परीक्षण पहले चूहों और सूअरों पर किया। इस तकनीक की मदद से बुरी तरह से घायल उन पैरों में त्वचा कोशिकाओं को वैस्कुलर कोशिकाओं में बदला गया जिनमें ब्लड फ्लो ब्लॉक हो गया था। एक हफ्ते के अंदर घायल पैर में सक्रिय रक्त कोशिकाएं दिखाई दीं और दूसरे हफ्ते में पैर ठीक हो गया।
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नेचर नैनोटेक्नोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित हुई रिपोर्ट में पता चला कि इस तकनीक के माध्यम से जीवित शरीर में त्वचा कोशिकाओं को तंत्रिका कोशिकाओं में बदलकर ऐसे चूहे में इसका इस्तेमाल किया गया जिसे हाल में दिमाग आघात हुआ था।
ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर रीजनरेटिव मेडिसिन एंड सेल बेस्ड थेरैपीज के निदेशक चंदन सेन ने कहा, 'हमारी इस अनूठी 'नैनोचिप तकनीक' के माध्यम से चोटिल या ऐसे अंगों को बदला जा सकता है जो ठीक से काम नहीं कर पा रहे।
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