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सावधान! समुद्र में तैरना है पसंद तो यह खबर जरूर पढ़ें, फिर नहीं उतर पाएंगे लहरों के बीच

समुद्र में तैरने से त्वचा माइक्रोबायोम में बदल जाती है, जिससे कान और त्वचा पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष निकाला है.

Updated on: 23 Jun 2019, 11:01 PM

highlights

  • समुद्र में तैरने से त्वचा माइक्रोबायोम में बदल जाती है जिससे संक्रमण हो सकता है
  • माइक्रोबायोम में बदलाव संक्रमण के प्रति अतिसंवेदनशील हो सकते हैं
  • मुद्र के पानी के संपर्क में आने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल व श्वसन संबंधी बीमारी हो सकती है

नई दिल्ली:

समुद्र में तैरने से त्वचा माइक्रोबायोम में बदल जाती है, जिससे कान और त्वचा पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष निकाला है. अमेरिकन सोसाइटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी के वार्षिक सम्मेलन 'एएसएम माइक्रोब-2019' में प्रस्तुत शोध निष्कर्ष में शोधकर्ताओं ने बताया कि माइक्रोबायोम में बदलाव संक्रमण के प्रति अतिसंवेदनशील हो सकते हैं.

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में पीएचडी छात्रा मारिसा चैटमैन नील्सन ने कहा, 'हमारे डेटा ने पहली बार प्रदर्शित किया कि समुद्र के पानी के संपर्क में मानव त्वचा की विविधता और संरचना में बदलाव हो सकता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य, स्थानीयकृत और प्रणालीगत रोगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.'

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शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि समुद्र के पानी के संपर्क में आने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल व श्वसन संबंधी बीमारी, कान में संक्रमण और त्वचा में संक्रमण हो सकता है.

अध्ययन के लिए नौ व्यक्तियों की जांच की गई, जिन्हें 12 घंटों तक स्नान नहीं करने दिया गया. इसके अलावा उन्हें सनस्क्रीन के उपयोग की मनाही की गई. साथ ही इस बात का ध्यान रखा गया कि उन्होंने पिछले छह महीनों के दौरान कोई एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन न किया हो.