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रिसर्चः सिर में अगर लगाया ठंडा तेल तो मार सकता है लकवा

सिर दर्द और टेंशन से झट राहत पाने के लिए अगर आप बार-बार ठंडा तेल इस्‍तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाएं.

नई दिल्‍ली:

सिर दर्द और टेंशन से झट राहत पाने के लिए अगर आप बार-बार ठंडा तेल इस्‍तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाएं. इसके अधिक इस्‍तेमाल से आंखों की रोशनी कम हो सकती है और दिमाग में सूजन होने का खतरा बढ़ जाता है. आपके दिमाग की नसें इतनी कमजोर हो जाएंगी कि आपको लकवा मार सकता है. 

यह हम नहीं कह रहे बल्‍कि चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग में हुए एक शोध रिपोर्ट कह रही है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक न्यूरोलॉजी विभाग ने ऐसे मरीजों पर शोध किया गया जो रोजाना सिर पर ठंडा तेल लगाते थे. प्रो. विजयनाथ मिश्र व उनकी टीम द्वारा किए गए इस शोध में पाया गया कि ठंडा तेल में मानक से ज्यादा मिले कपूर व पिपरमिंट से मस्तिष्क की कोशिकाएं मर रही हैं.

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प्रो. मिश्र व इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंस के डॉ. अभय सिंह ने मिलकर बीते पांच साल में ठंडा तेल पर अध्ययन किया. इस शोध में 500 ऐसे मरीजों को शामिल किया गया, जो रोजाना ठंडा तेल लगाते हैं. यह अध्ययन आईजीएम पब्लिकेशन के जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस एंड क्लीनिकल रिसर्च में जमा किया गया है.

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प्रो. विजयनाथ मिश्र के अनुसार ठंडा तेल में मिले कपूर की परत सिर पर जम जाती है. इससे मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती है. यह स्थिति लकवा होने का बड़ा संकेत है. सिरदर्द, थकान, अनिद्रा जैसी बीमारी से छुटकारा दिलाने के नाम पर पूर्वांचल में करीब 157 प्रकार के ठंडा तेल बिकते हैं. तेल में 11 फीसदी से ज्यादा कपूर की मात्रा नहीं होनी चाहिए.

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यानी ये बात अब साफ हो गई है कि ठंडा तेल भले ही कुछ देर की ताजगी का एहसास कराए, लेकिन इसका रोजाना इस्तेमाल मस्तिष्क की कोशिकाओं को खत्म कर रहा है. दरअसल सिर को ठंडा रखने व थकान को दूर करने के लिए आमतौर पर महिलाएं इस तेल की आदी हो जाती हैं. इसे सिर पर लगाए बिना उन्‍हें नींद नहीं आती. धीरे-धीरे इसकी मात्रा बढ़ती जाती है और एक समय ऐसा आता है जब तेल न लगाने पर चिड़चिड़ाहट तथा बेचैनी होने लगती है.