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देशभर में Swine flu के अब तक 12191 मामले, डरें नहीं इन घरेलू नुस्खों से करें बचाव

इसका वायरल सांसों के जरिए शरीर में प्रवेश करता है, जिसके बाद मरीज को सर्दी, जुकाम, शरीर में दर्द, कफ और फीवर की शिकायत होना शुरू हो जाती है

Updated on: 22 Feb 2019, 08:03 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली NCR में आजकल स्वाइन फ्लू (Swine flu) बहुत तेजी से फैल रहा है. फरवरी में ही स्वाइन फ्लू के 2 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं. स्वाइन फ्लू होने का मुख्य कारण संक्रमण होता है, स्वाइन फ्लू को वात कफज ज्वर के नाम से भी जानते हैं, जो वात यानि हवा और कफज यानि पानी के खराब होने की वजह से होता है. इसका वायरल सांसों के जरिए शरीर में प्रवेश करता है, जिसके बाद मरीज को सर्दी, जुकाम, शरीर में दर्द, कफ और फीवर की शिकायत होना शुरू हो जाती है. इसलिए हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खें बता रहे है. जिन्हें अपनाकर आप काफी हद तक इस समस्या से निजात पा सकेंगे. ये चीजें आपके किचन में आसानी से मिल जाएंगी.

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स्वाइन फ्लू से बचाव के उपाय

हल्दी का दूध- हल्दी में एंटीसेप्टिक गुणों के साथ एंटी इंफ्वेमेटरी गुण पाएं जाते है. जो कि स्वाइन फ्लू के ट्रीटमेंट में मदद करता है. इसके लिए आप एक कप गर्म दूध में थोड़ा सा हल्दी पाउडर मिलाकर पिएं. हल्दी वाला दूध H1N1 वायरस के अलावा कई घातक वायरस और शरीर दर्द से बचाता है.

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लहसुन- यह एंटी-इफ्लामेट्री गुणों से भरपूर होता है. इसका सेवन करने से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट को बढावा मिलता है. इसके अलावा इसमें ऐसे गुण भी पाएं जाते है जो स्वाइन फ्लू से आपका बचाव कर सकते है. स्वाइन फ्लू से बचने के लिए रोजाना सुबह कुछ कलिया लेकर गर्म पानी से खा लें.

तुलसी इलायची का काढ़ा- तुलसी को औषधि गुणों का भंडार माना जाता है. H1N1 के संक्रमण की शुरुआत साधारण फ्लू की तरह ही होती है. इसमें तुलसी और बड़ी इलायची का काढ़ा पीने से फायदा मिलता है. फ्लू होने पर दिन में कम से कम तीन बार यह काढ़ा पिया जा सकता है. काढ़ा प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, संक्रमण से बचाता है और प्लेटलेट्स काउंट सामान्य रखता है.

विटामिन सी से भरपूर फल या जूस - विटामिन सी साधारण फ्लू से बचाव में कारगर होता है. आंवले का जूस पीने से आपको फ्लू में फायदा मिलेगा.

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गिलोय का काढ़ा - गिलोय का काढ़ा H1N1 के संक्रमण में आराम पहुंचाता है. यह हर तरह के बुखार में कारगर होता है और प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है. इसका काढ़ा बनाने के लिए इसकी एक फुट लंबी डाली को तुलसी की पांच छह पत्तियों के साथ 10 से 12 मिनट तक उबाल लें. ठंडा होने पर इसमें थोड़ी काली मिर्च, सेंधा नमक मिला कर पिएं.

लक्षण

हालांकि इसके लक्षण एक सामान्य फ्लू के समान हैं, मगर लापरवाही बरतने पर वे गंभीर हो सकते हैं.

  • खाँसी
  • सिरदर्द
  • बुखार
  • कमजोरी और थकान
  • मांसपेशियों में दर्द
  • गले में ख़राश
  • नाक बहना

बचाव और बीमारी की रोकथाम के उपाय

खांसी अथवा छींक के समय अपने चेहरे को टिश्यू पेपर से ढककर रखें.अपने हाथों को किसी हैंड सैनीटाइजर द्वारा नियमित साफ करें.अपने आसपास हमेशा सफाई रखें. चेहरे पर मास्क लगाएं.

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गले न मिलें - अगर किसी में स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखें तो उससे हाथ मिलाने और गले मिलने से बचना चाहिए.

टीका लगवाएं - स्वाइन फ्लू का टीका अवश्य लगवाएं. टीका H1N1 संक्रमण से बचाव के लिए यह सबसे बढ़िया रास्ता है.

हाथ साबुन से धोएं - अपने हाथों को हमेशा साबुन और पानी से करीब 20 सेकंड तक अच्छी तरह से धोएं. ये कई तरह के सामान्य संक्रमणों को रोकने के लिए सबसे बढ़िया उपाय है.

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