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सावधान: कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा खतरा दिल, डायबिटीज और किडनी के मरीजों को

एम्स से इंफेक्शियस डिज़ीज़ में डीएम कर चुके और फिलहाल पीतमपुरा में अपना क्लीनिक चला रहे डॉक्टर जतिन आहूजा इसे शरीर के प्रतिरोधक क्षमता से जोड़कर देखते हैं.

Updated on: 05 Feb 2020, 08:28 PM

नई दिल्ली:

दुनिया की प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल The Lancet ने चीन के Wuhaan में Coronavirus से पीड़ित मरीज़ों की प्रोफाइलिंग कर रिपोर्ट तैयार की है, The Lancet की ये रिपोर्ट Wuhaan के अस्पतालों में दाखिल 99 मरीज़ों की रिपोर्ट पर आधारित है. The Lancet की रिपोर्ट के मुताबिक़ Coronavirus के पीड़ितों में ज्यादातर मरीज़ ऐसे पाए गए जो पहले से ही डायबिटीज़, हाइपरटेंशन, दिल की बीमारी से पीड़ित हैं. सभी मरीज़ों में तेज़ बुख़ार, खांसी, सिर दर्द, बदन दर्द जैसे symptom पाए गए हैं.

एम्स से इंफेक्शियस डिज़ीज़ में डीएम कर चुके और फिलहाल पीतमपुरा में अपना क्लीनिक चला रहे डॉक्टर जतिन आहूजा इसे शरीर के प्रतिरोधक क्षमता से जोड़कर देखते हैं. उनका कहना है की डायबिटीज़, दिल, किडनी, कैंसर जैसे मरीज़ों की रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी स्वस्थ्य शरीर के मुक़ाबले कमज़ोर हो जाती है, इसलिए डायबिटीज़, दिल, किडनी, कैंसर जैसे मरीज़ों में कोरोना या इस जैसे दूसरे वायरस की वजह से ज़्यादा जटिलताएं पैदा हो जाती हैं.

ज़ाहिर है भारत में अगर Coronavirus फैला तो इसे रोकना बहुत मुश्किल हो जाएगा, चीन में Coronavirus मरीज़ों पर The Lancet journal की रिपोर्ट कुछ ऐसा ही इशारा करती है. क्योंकि भारत में पहले से ही बड़ी संख्या में दिल और डायबिटीज़ के मरीज़ मौजूद हैं. अमेरिका के एक रिसर्च जरनल में छपे लेख के मुताबिक़ 2015 तक भारत में 6.2 करोड़ लोगों को दिल से जुड़ी बीमारी हुई. इसमें से तकरीबन 2.3 करोड़ लोगों की उम्र 40 साल से कम है. यानी 40 फ़ीसदी हार्ट के मरीज़ों की उम्र 40 साल से कम है. भारत के लिए ये आंकड़े अपने आप में चौंकाने वाले हैं.

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पूरी दुनिया में भारत में ये आंकड़े सबसे तेज़ी से बढ़ रहे हैं. The Lancet journal के मुताबिक़ 1990 तक भारत में दिल की बीमारी से जहां हर साल 13 लाख लोगों की मौत होती थी, वहीँ 2016 तक मौत का ये आंकड़ा बढ़कर 28 लाख तक पहुंच गया है. भारत में 7 करोड़ से ज़्यादा लोग डायबिटीज़ से जूझ रहे हैं, दिल के मरीज़ों के लिए डायबिटीज़ का होना बेहद ख़तरनाक होता है, दिल के दौरे की वजह से होने वाली कुल मौतों में 57 फीसदी हाइपरटेंशन की वजह से होती है.

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डॉक्टर जतिन अहूजा

डॉक्टर जतिन आहूजा इंफेक्शियस डिज़ीज़ के साथ ही ट्रेवल मेडिसिन के भी एक्सपर्ट हैं. उनका कहना है की, भारत में कोरोना वायरस के फैलने से डायबिटीज़, दिल, किडनी, कैंसर जैसे मरीज़ों को ज़्यादा ख़तरा है, क्योंकि एक तो यहां ऐसे मरीज़ों की तादाद ज़्यादा है और दूसरा यहां लोग साफ़ सफाई को लेकर ज़्यादा जागरुकता नहीं है. इसके अलावा यहां आबादी का घनत्व भी काफी ज़्यादा है, जिसकी वजह से कोरोनावायरस यहां पर तेज़ी से फ़ैल सकता है.

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Coronavirus दिल, डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन से जूझ रहे भारत समेत पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी है. दिसंबर 2019 से अब तक चीन में Coronavirus से 500 लोगों की मौत हो चुकी है. ये आंकड़ा रोज़ बढ़ता ही जा रहा है चीन के बाहर ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, फ़्रांस, जर्मनी, हांगकांग, जापान, रूस, स्पेन, थाईलैंड, अमेरिका, भारत, वियतनाम, साउथ कोरिया समेत दुनिया के 25 से ज़्यादा देशों में Coronavirus की इंट्री हो चुकी है. जिनमें भारत के भी 3 मरीज़ शामिल हैं.