दिल्ली की ठंड पहाड़ों से भी ज्यादा खतरनाक, अस्पताल में बढ़ रही मरीजों की संख्या, बोले एम्स के डायरेक्टर
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि एम्स में ओपीडी में बीमार लोगों की संख्या में 15-20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि लोग सांस संबंधी शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं.
नई दिल्ली:
दिल्ली-एनसीआर में ठंड ने पिछले 119 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. लोग ठंड के कहर से बीमार होकर अस्पताल में पहुंच रहे हैं. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि एम्स में ओपीडी में बीमार लोगों की संख्या में 15-20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि लोग सांस संबंधी शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं.
डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि दिल्ली में पहाड़ी क्षेत्रों से भी ज्यादा ठंड है. यहां की ठंड पहाड़ी क्षेत्रों से ज्यादा खतरनाक है. अस्पताल के ओपीडी में भीड़ 15 से 20 फीसदी बढ़ गई है. लोग सांस संबंधी शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं.
उन्होंने बताया कि ठंड की वजह से ब्रोंकाइटिस के मामले बढ़ जाते हैं. दिल के मरीज के लिए यह मौसम जोखिम भरा हो सकता है. लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए.
Dr Randeep Guleria,AIIMS Director: The cold in Delhi is more severe than the hilly areas. Because of it, there is a rise of 15-20% in patients at out-patient department (OPD). Bronchitis cases go up,heart patients also face risks due to the weather.People should take precautions. pic.twitter.com/it6SNo7QOE
— ANI (@ANI) December 30, 2019
वहीं, एम्स के एक वरिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टर अमरिंदर माल्ही ने कहा, 'ज्यादार मरीज अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूआरटीआई), लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (एलआरटीआई), उच्च तनाव, स्ट्रॉक और म्योकार्डियल इंफेक्शन की शिकायत लेकर आ रहे हैं.'
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उन्होंने आगे कहा, 'इन बीमारियों से अगर बचना है तो खुद को गर्म रखना काफी महत्वपूर्ण है. लोगों को प्रतिदिन चार से पांच गिलास गर्म पानी पीना चाहिए. पारंपरिक हीटर के बजाय तेल वाले हीटर का प्रयोग करें, क्योंकि पारंपरिक हीटर वातावरण को शुष्क कर देते हैं. लेकिन प्रमुख तौर पर अपने शरीर को ऊनी कपड़े, दस्ताने, टॉपी, मोजे आदि से ही गर्म रखें.'
वहीं, नोएडा में भी ठंड की मार पर रही है. जानकारी के मुताबिक नोएडा में पिछले 10 दिनों में 35 से कम उम्र के युवाओं ने हार्ट अटैक की शिकायत की है. ज्यादा ठंड के कारम हृदय संबंधी बीमारियों के 50 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं. सेक्टर 12 के मेट्रो हृदय संस्थान में 5 ऐसे मरीज आए जिनकी उम्र 35 साल से कम है. आइए जानते हैं कि आखिर हाइपोथर्मिया के क्या लक्षण हैं और इस जानलेवा ठंड से कैसे बचा जाए.
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हाइपोथर्मिया के लक्षण
सर्दी जुकाम होने पर नाक से पानी आना
लगातार छींक आना
आंखों से पानी आना
बदन दर्द, सिर या आंखों में भारीपन महसूस करना
गले में खराश के साथ हल्का दर्द और सांस की कमी महसूस करना
सीने में जकड़न और कसाव महसूस करना
सांस के साथ आवाज आना
कैसे करें कंट्रोल
अस्थमा के मरीज धूल-मिट्टी से खुद को दूर रखें
पालतू जानवरों के करीब न जाएं
धुम्रपान न करें और करने वालों से दूर रहें
सुबह 4-6 बजे के बीच हार्ट अटैक का खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह 4 से 6 बजे के बीच हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा होता है. उन्होंने कहा कि दिल तक खून पहुंचाने वाली किसी एक या एक से अधिक धमनियों में जमें फैट के थक्के के कारण रुकावट आ जाती है. थक्के के कारण खून का फ्लो रुक जाता है. खून न मिलने से मांसपेशियों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है जिसके कारण धीरे-धीरे मांसपेशियों की रफ्तार कम हो जाती है. मोटापा और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से ग्रसित लोगों में हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा रहता है.
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