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सेक्स को लेकर खत्म हुई शर्म, महिलाओं में 6 गुना बढ़ा कंडोम का इस्तेमाल, पंजाब है सबसे आगे

पिछले 10 सालों में भारत में सुरक्षित सेक्स को लेकर महिलाओं में जागरूकता बढ़ी है। अब बड़ी तादाद में अविवाहित और सेक्शुअली ऐक्टिव महिलाएं सेक्स को लेकर सावधानी बरत रही हैं

Updated on: 30 Jan 2018, 12:03 AM

नई दिल्ली:

भारत में अब सेक्स टैबू नहीं रहा है अब यहां भी लोग जागरूक हो रहे हैं। पिछले 10 सालों में भारत में सुरक्षित सेक्स को लेकर महिलाओं में जागरूकता बढ़ी है। अब बड़ी संख्या में अविवाहित और सेक्शुअली ऐक्टिव महिलाएं सेक्स को लेकर सावधानी बरत रही हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से करवाए गए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2015-16 के मुताबिक, 15 से 49 साल की अविवाहित महिलाएं जो सेक्शुअली एक्टिव हैं उनके बीच पिछले 10 साल में कॉन्डम का इस्तेमाल 2 प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत हो गया है।

इस रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि 8 में 3 पुरुषों का मानना है कि गर्भनिरोध महिलाओं की जिम्मेदारी है और इससे पुरुषों का कोई लेना देना नहीं है।

सर्वे के मुताबिक 20 से 24 साल के बीच की सेक्शुअली ऐक्टिव अविवाहित लड़कियों के बीच कॉन्डम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है।

महिलाएं नसबंदी को देती है तरजीह

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक 25 से 49 वर्ष की महिलाएं गर्भनिरोधक के तौर पर अपनी नसबंदी को तरजीह देती हैं और महिलाओं की नसबंदी, देशभर में गर्भनिरोध का सबसे प्रचलित तरीका है। सर्वे की मानें तो 1 प्रतिशत से भी कम महिलाओं ने इमरजेंसी कॉन्ट्रसेप्टिव पिल के इस्तेमाल की बात स्वीकार की।

गर्भनिरोधक की जानकारी

सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 15 से 49 साल के बीच के देश के 99 प्रतिशत शादीशुदा जोड़ों को गर्भनिरोधक के कम से कम एक तरीके की जानकारी है।

हालांकि देश में 15 से 49 साल के बीच की शादीशुदा महिलाओं में कॉन्ट्रसेप्टिव प्रिवलेंस रेट यानी गर्भनिरोधक प्रचार दर (CPR) सिर्फ 54 प्रतिशत है। इनमें से भी सिर्फ 10 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जो गर्भनिरोधक के तौर पर मॉडर्न तरीकों का इस्तेमाल करती हैं।

महिलाओं की बड़ी संख्या अब भी गर्भनिरोध के लिए सदियों पुराने परंपरागत तरीकों को अपनाती है। गर्भनिरोध के आधुनिक तरीकों में कंडोम, नसबंदी, गर्भनिरोधक गोलियां और इंट्रायूट्रिन डिवाइस (IUD) शामिल है।

इस राज्य में कंडोम का सबसे जयादा इस्तेमाल 

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2015-16 में पता चला है कि देशभर में गर्भनिरोध के तरीकों का सबसे कम इस्तेमाल मणिपुर, बिहार और मेघालय में होता है। इन राज्यों में इसका प्रतिशत सिर्फ 24 है वहीं, गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल करने की लिस्ट में 76 प्रतिशत के साथ पंजाब पहले नंबर पर है।

किस धर्म की महिलाएं है सबसे जागरूक

सर्वे में यह भी पता चला कि देशभर में आधुनिक गर्भनिरोध के तरीकों का इस्तेमाल करने के मामले में 65 प्रतिशत के साथ सिख और बौद्ध धर्म की महिलाएं सबसे आगे हैं जबकि मुस्लिम महिलाओं का प्रतिशत सिर्फ 38 है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में 6 लाख 1 हजार 509 घरों से साक्षात्कार किया था जिसमें लोगों की प्रतिक्रिया दर 98 प्रतिशत थी।

कंडोम के इस्तेमाल पर पुरुषों की सोच

इस सर्वे में 61 प्रतिशत पुरुषों ने कॉन्डम पर भरोसा जताया और माना कि अगर कॉन्डम का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो यह ज्यादातर समय अनचाही प्रेग्नेंसी से सुरक्षा प्रदान करता है। तो वहीं अतिरिक्त 25 प्रतिशत पुरुषों का कहना था कि अगर कॉन्डम का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो यह कई बार प्रेग्नेंसी से सुरक्षा प्रदान करता है।

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