योग और मेडिटेशन करने से तनाव रहता है दूर
कोवेन्ट्रीय और रेडबोड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि मेडिटेशन और योग स्ट्रेस या डिप्रेशन से जुड़े जीनों की गतिविधि को बदलने में मदद करता।
नई दिल्ली:
आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में तनाव बढ़ता ही जा रहा है जो कि सेहत के लिए बेहद हानिकारक है। भाग दौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोगों का तनावग्रस्त होना काफी चिंताजनक है। ज्यादा तनाव लेने से डिप्रेशन होने का खतरा कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है।
WHO की रिपोर्ट कि मुताबिक दुनिया भर में 300 मिलियन लोग डिप्रेशन से ग्रस्त है। नियमित योग और मेडिटेशन करने से तनाव और डिप्रेशन को कम किया जा सकता है।
कोवेन्ट्रीय और रेडबोड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि मेडिटेशन और योग स्ट्रेस या डिप्रेशन से जुड़े जीनों की गतिविधि को बदलने में मदद करता। लगातार नियमित रूप से योग अभ्यास सेहत में सुधार लाने में मदद करता है।
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18 अध्ययनों के डेटा में शामिल हुए 846 प्रतिभागियों के शरीर में मॉलिक्यूलर (nuclear factor kappa B) (NF-kB) परिवर्तनों का एक पैटर्न देखा गया जो कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ पहुंचने में मदद करता है।
परिणाम से पता चला कि योग या मेडिटेशन करने वाले लोगों में काफी कम मात्रा में मोलेक्युल्स उत्पन्न हुए जो सूजन-पैदा करने वाले जीनों को सक्रिय करते हैं।
वैज्ञानिकों ने पाया कि जो लोग मेडिटेशन या योग अभ्यास करते है वे नुक्लियर फैक्टर कप्पा बी कम उत्प्न्न करते है। जिससे की उनमे डिप्रेशन और स्ट्रेस होने की संभावना कम हो जाती है।
कोवेन्ट्री विश्वविद्यालय की लीड इन्वेस्टिगेटर इवाना बोरिक ने कहा, 'दुनिया भर के लाखों लोग योग या ध्यान का लाभ उठाते हैं, लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि इसका फायदा मॉलिक्यूलर स्तर से शुरू होता हैं।'
योग या ध्यान लगाने से हमारा दिमाग डीएनए प्रोसेस का रास्ता साफ कर देती है जिससे कि हमारे शरीर और दिमागी सेहत को फायदा पहुंचता है। यह रिसर्च जर्नल 'फ्रंटियर इन इम्यूनोलॉजी' में प्रकाशित किया गया है।
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