World Diabetes Day 2017: जानिए डायबिटीज के कारण, लक्षण और बचाव
डायबिटीज मेटाबोलिक बीमारियों का एक समूह है, जिसमें व्यक्ति के खून में ग्लूकोज (ब्लड शुगर) का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है।
नई दिल्ली:
डायबिटीज मेटाबोलिक बीमारियों का एक समूह है, जिसमें व्यक्ति के खून में ग्लूकोज (ब्लड शुगर) का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। ऐसा तब होता है, जब शरीर में इंसुलिन ठीक से न बने या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के लिए ठीक से प्रतिक्रिया न दें। जिन मरीजों का ब्लड शुगर सामान्य से अधिक होता है वे अक्सर पॉलीयूरिया (बार बार पेशाब आना) से परेशान रहते हैं। उन्हें प्यास (पॉलीडिप्सिया) और भूख (पॉलिफेजिया) ज्यादा लगती है।
जेपी अस्पताल में एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के चिकित्सक डॉ. मनोज कुमार के अनुसार, टाइप 1 डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन नहीं बनता। डायबिटीज के तकरीबन 10 फीसदी मामले इसी प्रकार के होते हैं।
जबकि टाइप 2 डायबिटीज में शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता। दुनिया भर में डायबिटीज के 90 फीसदी मामले इसी प्रकार के हैं। डायबिटीज का तीसरा प्रकार है गैस्टेशनल डायबिटीज, जो गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होता है।
उन्होंने कहा, 'उचित व्यायाम, आहार और शरीर के वजन पर नियन्त्रण बनाए रखकर डायबिटीज को नियन्त्रित रखा जा सकता है। अगर डायबिटीज पर ठीक से नियन्त्रण न रखा जाए तो मरीज में दिल, गुर्दे, आंखें, पैर एवं तंत्रिका संबंधी कई तरह की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।'
इसे भी पढ़ें: तनाव की गिरफ्त में लोग करते है इन तीन शब्दों का इस्तेमाल
डायबिटीज के कारण:
1. जीवनशैली : गतिहीन जीवनशैली, अधिक मात्रा में जंक फूड, फिजी पेय पदार्थो का सेवन और खाने-पीने की गलत आदतें डायबिटीज का कारण बन सकती हैं। घंटों तक लगातार बैठे रहने से भी डायबिटीज की संभावना बढ़ती है।
2. सामान्य से अधिक वजन, मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता : अगर व्यक्ति शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय न हो अथवा मोटापे का शिकार हो, उसका वजन सामान्य से अधिक हो तो भी डायबिटीज की सम्भावना बढ़ जाती है। ज्यादा वजन इंसुलिन के निर्माण में बाधा पैदा करता है। शरीर में वसा की लोकेशन भी इसे प्रभावित करती है। पेट पर अधिक वसा का जमाव होने से इंसुलिन उत्पादन में बाधा आती है, जिसका परिणाम टाइप 2 डायबिटीज, दिल एवं रक्त वाहिकाओं की बीमारियों के रूप में सामने आ सकता है। ऐसे में व्यक्ति को अपने बीएमआई (शरीर वजन सूचकांक) पर निगरानी बनाए रखते हुए अपने वजन पर नियन्त्रण रखना चाहिए।
3. जीन एवं पारिवारिक इतिहास : कुछ विशेष जीन मधुमेह की सम्भावना बढ़ा सकते हैं। जिन लोगों के परिवार में मधुमेह का इतिहास होता है, उनमें इस रोग की सम्भावना अधिक होती है।
डायबिटीज के लक्षण:
पेशाब ज्यादा आना: डायबिटीज के रोगियों को बार-बार वॉशरूम के चक्कर लगाने पड़ते हैं। दरअसल ब्लड शुगर बढ़ने के कारण किडनी में यूरीन ज्यादा बनने लगता है। जिसके कारण बार-बार पेशाब जाने की समस्या हो जाती हैं। भरपूर मात्रा में पानी पीने के बावजूद प्यास लगते रहना भी इसका एक मुख्य लक्षण हैं।
वजन घटना: डायबिटीज के रोगियों के वजन में अचानक से गिरावट होने लगती है। इसका एक कारण कैलोरी का अब्जार्ब नहीं करना और दूसरा हाई ब्लड शुगर होता है तो शरीर ग्लूकोज को मैनेज करने में परेशानी होती है।
भूख लगना: इंसुलिन लेवल बढ़ जाने के कारण ब्लड शुगर का लेवल असंतुलित हो जाता है। जो भूख को बढ़ाता रहता है। हालांकि इससे एनर्जी नहीं मिलती है।
घाव नहीं भरना : डायबिटीज को रोगियों की प्रतिरक्षा शक्ति कम हो जाती है, ऐसे में छोटे से छोटा घाव भरने में समय ले लेता है।
आंखो की कमजोरी: डायबिटीज का आंखों पर बुरा असर पड़ता है। इससे आंखों की रोशनी कम होने लगती है। हालांकि इसका बहुत बाद में चलता है।
इसे भी पढ़ें: स्मॉग से बचने के लिए घर में रखें पौधे, एयर प्यूरीफायर का करते है काम
डायबिटीज से ऐसे बचें :
1. नियमित व्यायाम करें : गतिहीन जीवनशैली डायबिटीज के मुख्य कारणों में से एक है। रोजाना कम से कम 30-45 मिनट व्यायाम मधुमेह से बचने के लिए आवश्यक है।
2. संतुलित आहार : सही समय पर सही आहार जैसे फलों, सब्जियों और अनाज का सेवन बेहद फायदेमंद है। लम्बे समय तक खाली पेट न रहें।
3. वजन पर नियन्त्रण रखें : उचित आहार और नियमित व्यायाम द्वारा वजन पर नियंत्रण रखें। कम वजन और उचित आहार से डायबिटीज के लक्षणों को ठीक कर सकते हैं।
4. पर्याप्त नींद : रोजना सात-आठ घंटे की नींद महत्वपूर्ण है। नींद के दौरान हमारा शरीर विषैले पदार्थों को बाहर निकाल कर शरीर में टूट-फूट की मरम्मत करता है। देर रात तक जागने और सुबह देर तक सोने से डायबिटीज और हाई ब्लड शुगर की संभावना बढ़ती है।
5. तनाव से बचें : तनाव आज हर किसी के जीवन का जरूरी हिस्सा बन गया है। मनोरंजक एवं सामाजिक गतिविधियों द्वारा अपने आप को तनाव से दूर रखने की कोशिश करें। साथ ही तनाव के दौरान सिगरेट का सेवन करने से मधुमेह की सम्भावना और अधिक बढ़ जाती है।
इसे भी पढ़ें: World Diabetes Day: पुरुषों को ज्यादा होता है मधुमेह का खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, भारत में डायबिटीज रोगियों की संख्या पिछले 13 सालों में दोगुनी हो गई है। डब्ल्यूएचओ की 2016 की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में साल 2000 में मधुमेह रोगियों का आंकड़ा 3.2 करोड़ था, जो 2013 तक बढ़कर 6.3 करोड़ हो चुकी है।
IANS के इनपुट के साथ
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य