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अगर आपके खाने में नहीं हैं ये विटामिन्स तो हो जाइए सावधान, हो सकते हैं गंभीर परिणाम

हम कभी यह जानने की कोशिश नहीं करते कि कौन से विटामिन की कमी की के कारण शरीर में कौन – कौन से रोग हो जाते हैं.

Updated on: 21 Jan 2019, 08:51 AM

नई दिल्ली:

अक्सर हमें कहा जाता है कि ये खाओ वरना शरीर में विटामिन(Vitamin) की कमी हो जाएगी. लेकिन हम कभी यह जानने की कोशिश नहीं करते कि कौन सी विटामिन की कमी(
vitamin deficiency) के कारण शरीर में कौन–कौन से रोग हो जाते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक कई बड़ी बीमारियों की वजह विटामिनों की कमी  ही होती है. ये हर वर्ग के लोगों को प्रभावित करती हैं. जानिए कौन सी विटामिन की कमी से कौन सा रोग होता है और कैसे उसे दूर भगाया जा सकता है.

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1. विटामिन- A

विटामिन ए दो फार्म में पाए जाते हैं, रेटिनॉल और कैरोटीन.विटामिन ए आंखों के लिए बहुत जरूरी होता है.यह विटामिन शरीर में अनेक अंगों जैसे त्वचा,बाल, नाखून, ग्रंथि, दांत, मसूड़ा और हड्डी को सामान्य रूप में बनाए रखने में मदद करता है.विटामिन ए की कमी से ज्यादातर आंखों की बीमारियां होती हैं, जैसे रतौंधी, आंख के सफेद हिस्से में धब्बे.यह रक्त में कैल्शियम का स्तर बनाए रखने में भी मदद करती है और हड्डियों को मजबूत करती है.

स्रोत

शरीर में विटामिन ए की कमी न होने के लिए चुकंदर, गाजर, पनीर, दूध, टमाटर, हरी सब्जियां, पीले रंग के फल खाने चाहिए.इसमें विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर में इसकी पूर्ति करता है.

2. विटामिन- B

विटमिन बी हमारी कोशिकाओं में पाए जाने वाले जीन, डीएनए को बनाने और उनकी मरम्मत में सहायता करता है.इसके कई काम्पलेक्स होते हैं, बी1, बी2, बी3, बी5, बी6, बी7 और बी12.यह बुद्धि, रीढ़ की हड्डी और नसों के कुछ तत्वों को बनाने में मदद करता है.लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण भी इसी से होता है.इसकी कमी से बेरी बेरी, त्वचा की बीमारियां, एनीमिया, मंदबुद्धि जैसी कई खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं.इसका आनुवंशिक कारण भी हो सकता है.आंतों एवं वजन घटाने की सर्जरी कराना भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है.शाकाहारी लोगों में इसकी कमी आम बात हो जाती है क्योंकि यह विटामिन ज्यादातर जानवरों में पाया जाता है.

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विटामिन बी ज्यादातर मांसाहारी पदार्थों जैसे मछली, मीट, अंडा आदि में पाया जाता है.शाकाहारी लोग इसकी आपूर्ति दूध और इससे बनने वाले उत्पादों, जमीन के अंदर उगने वाली सब्जियों आलू, गाजर, मूली में आंशिक रूप से पाया जाता है.

3. विटामिन- C

विटामिन सी शरीर की मूलभूत रासायनिक क्रियाओं में यौगिकों का निर्माण और उन्हें सहयोग करता है.तंत्रिकाओं तक संदेश पहुंचाना या कोशिकाओं तक ऊर्जा प्रवाहित करना आदि.विटामिन सी मानव शरीर के सामान्य कामकाज के लिए आवश्यक है.यह एस्कॉर्बिक अम्ल होता है जो कि हर तरह के सिट्रस फल में जैसे, नींबू, संतरा, अमरूद, मौसमी आदि में पाया जाता है.

विटामिन सी की कमी से स्कर्वी नामक रोग हो सकता है, जिसमें शरीर में थकान, मासंपेशियों की कमजोरी, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, मसूढ़ों से खून आना और टांगों में चकत्ते पड़ने जैसी दिक्कतें हो जाती हैं.विटामिन सी की कमी से शरीर छोटी छोटी बीमारियों से लड़ने की ताकत भी खो देता है, जिसका नतीजा बीमारियों के रूप में सामने आता है.

स्रोत

विटामिन सी खट्टे रसदार फल जैसे आंवला, नारंगी, नींबू, संतरा, बेर, कटहल, पुदीना, अंगूर, टमाटर, अमरूद, सेब, दूध, चुकंदर, चौलाई और पालक विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं.इसके अलावा दालों में भी विटामिन सी पाया जाता है.विटामिन के वसा में घुलनशील है, इसकी कमी से रक्त का थक्का जमना बंद हो जाता है.इसके स्त्रोत हरी सब्जियां, अंकुरित चने और फल हैं।

4. विटामिन- D

विटामिन डी का सबसे अच्छा स्त्रोत सूर्य की किरणें हैं.जब हमारे शरीर की खुली त्वचा सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में आती है तो ये किरणें त्वचा में अवशोषित होकर विटामिन डी का निर्माण करती हैं.अगर सप्ताह में दो बार दस से पंद्रह मिनट तक शरीर की खुली त्वचा पर सूर्य की अल्ट्रा वायलेट किरणें पड़ती हैं तो शरीर की विटामिन डी की पूर्ति हो जाती है.इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, हाथ और पैर की हड्डियां टेढ़ी भी हो जाती हैं.मोटापा बढ़ने के साथ ही शरीर में विटामिन डी का स्तर कम होता जाता है, जो लोग मोटापे जैसी बीमारी से ग्रस्त है उन्हें विटामिन डी की कमी को पूरा करने के साथ-साथ मोटापे को भी कम करना चाहिए.

स्रोत

सूर्य विटामिन डी का सबसे अच्छा स्त्रोत माना जाता है.इसके अलावा दूध, अंडे, चिकन, सोयाबीन और मछलियों में भी विटामिन डी पाया जाता है.

5. विटामिन E

विटामिन ई शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाए रखने, शरीर को एलर्जी से बचाए रखने की, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में प्रमुख भूमिका निभाता है.विटामिन ई वसा में घुलनशील विटामिन है.यह एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी कार्य करता है.इसके आठ रूप होते हैं.इसकी कमी से जनन शक्ति में कमी आ जाती है।

स्रोत

विटामिन ई अंडे, सूखे, मेवे, बादाम और अखरोट, सूरजमुखी के बीज, हरी पत्तेदार सब्जियां, शकरकंद, सरसों में पासा जाता है.इसके अलावा विटामिन ई वनस्पति तेल, गेंहू, हरे साग, चना, जौ, खजूर, चावल के मांड़ में पाया जाता है.