यूपी, ओडिशा जैसे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वाइन फ्लू ने बरपाया कहर
देशभर में न सिर्फ बाढ़ से बल्कि स्वाइन फ्लू से भी हाहाकार मची हुई है। आसाम, बिहार, यूपी के कई जिलों में बाढ़ ने अपना कहर बरपाया हुआ है।
नई दिल्ली:
देशभर में न सिर्फ बाढ़ से बल्कि स्वाइन फ्लू से भी हाहाकार मची हुई है। असम, बिहार, ओडिशा, यूपी के कई जिलों में बाढ़ ने अपना कहर बरपाया हुआ है।
स्वाइन फ्लू या एच1एन1 एन्फ्लूएंजा सांस प्रणाली का वायरल संक्रमण है, जो आम जुकाम की तरह हमला करता है। मानसून में होने वाली ये बीमारी अब साल भर पाई जाती है।
स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए दवा से ज्यादा बचाव कारगर होता है। स्वाइन फ्लू साल ने 2009 और 2010 में महामारी का रूप ले लिया था लेकिन WHO ने अगस्त 2010 में इस बीमारी के खत्म होने का भी ऐलान कर दिया था। अप्रैल 2009 में इसे सबसे पहले मैक्सिको में पहचाना गया था।
गुजरात में स्वाइन फ्लू का कहर
राज्य सरकार की ओर से जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार गुजरात के कई हिस्सों में एच1एन1 से संक्रमित 12 लोगों की मौत हो गई और स्वाइन फ्लू के 228 नए मामले दर्ज किए गए।
जनवरी से अब तक 2,500 लोग एच1एन1 से संक्रमित होकर अस्पतालों में भर्ती हो चुके हैं। इनमें से 959 लोगों का इलाज हो चुका है जबकि 1,299 लोग अभी उपचार ले रहे हैं। वहीं 242 लोगों की मौत इस बीमारी से हो गई है।
लखनऊ में स्वाइन फ्लू का कहर
लखनऊ में 600 मरीज एचएन 1 से संक्रमित पाए गए है। अगस्त एक से लेकर 19 तक 33.46 % बच्चों में स्वाइन फ्लू पॉजिटिव पाया गया है।
जनवरी से लेकर अब तक 489 लोगों का इलाज हो चुका है। 248 लोग घरों में उपचार ले रहे थे। 38 लोग जिले के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हो चुके है।
ओडिशा में कहर
ओडिशा में स्वाइन फ्लू के कारण अबतक आठ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि राज्य में 103 लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि रविवार को 28 नमूनों में से 16 में स्वाइन फ्लू के वायरस की पुष्टि हुई, और इसके साथ ही इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 103 हो गई।
क्या कहते हैं आकंडें
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, स्वाइन फ्लू से इस साल मार्च तक 2,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और इससे पीड़ित कुल मामलों की संख्या 33,000 के आंकड़ें को पार कर सकती है। राजस्थान और गुजरात इससे अत्यधिक प्रभावित राज्य हैं।
कैसे फैलता है ?
स्वाइन फ्लू आम सर्दी-जुकाम के जैसा होता है। इसके लक्षणों में खांसी, गले पकना, बुखार, सिर दर्द, कंपकंपी और थकान आदि शामिल हैं।
इससे पीड़ित मरीज खांसी या छीक से इसका संक्रमण हवा में फैला सकते हैं। जब कोई व्यक्ति इन संक्रमित बूंदों के संपर्क में या संक्रमित दीवारों, दरवाजों, नलों, सिंक, फोन, कीबोर्ड को छूता है तो संक्रमण फैलता है।
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