logo-image

स्मोकिंग छोड़ने का सबसे प्रभावशाली तरीका आया सामने, लंदन की यूनिवर्सिटी में हुए शोध में सामने आई ये सच्चाई

स्टडी के मुताबिक यदि स्मोकर खुद रोजाना लेने वाली निकोटीन की डोज तय करने का फैसला करेगा तो वह स्मोकिंग छोड़ने में कामयाब हो सकता है.

Updated on: 28 Jan 2019, 02:02 PM

नई दिल्ली:

देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी स्मोकिंग करने वाले लोग चाहते हैं कि वे इस आदत को छोड़ दें. लेकिन स्मोकिंग की लत धीरे-धीरे इतनी खतरनाक हो जाती है कि इससे छुटकारा पाना काफी मुश्किल हो जाता है. स्मोकिंग छोड़ने वाले लोगों के लिए आज हम एक बेहद ही जरूरी स्टडी रिपोर्ट लेकर आए हैं, जो ऐसे लोगों के लिए बेहद जरूरी है. क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में हुए शोध में कहा गया है कि यदि स्मोकिंग छोड़ने की कोशिश कर रहे लोगों को अपनी निकोटीन इनटेक पर नजर रखने के लिए कहा जाए तो स्मोकिंग छूट सकती है.

ये भी पढ़ें- रेल में सफर करने वाले यात्रियों के लिए JIO का बंपर धमाका, अब मुफ्त में होगा ट्रेन का ये सारा काम

यूनिवर्सिटी द्वारा की गई इस स्टडी को जर्नल एडिक्शन में छापा गया है. स्टडी के मुताबिक यदि स्मोकर खुद रोजाना लेने वाली निकोटीन की डोज तय करने का फैसला करेगा तो वह स्मोकिंग छोड़ने में कामयाब हो सकता है. स्टडी के लेखक दुंजा प्रजूली की मानें तो स्मोकिंग करने वाले लोग जब किसी ट्रीटमेंट से गुजर रहे होते हैं तो उनकी निकोटीन की डोज को तय कर दिया जाता है. ऐसे मामलों में देखा जाता है कि कई लोगों के लिए तय की गई डोज इतनी कम हो जाती है तो वह दोबारा ज्यादा स्मोकिंग करना शुरू कर देता है.

ये भी पढ़ें- नाबालिग लड़की घर में अकेली देख रही थी एडल्ट फिल्म, मूवी में दिख रहे लोगों पर पड़ी नजर तो लगा भयानक सदमा

क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन की दुंजा प्रजूली ने बताया कि मेडीसिनल निकोटीन की कम डोज के कारण ही इसके ट्रीटमेंट में सफलता के चांस काफी कम हो जाते हैं. इसलिए इसमें सुधार करने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि स्मोकिंग छोड़ने की कोशिश कर रहे लोगों को उनके हाल पर छोड़ देना चाहिए कि वे रोजाना कितना डोज ले सकते हैं. ऐसा करने से वह स्वयं ही स्मोकिंग कम कर देगा, जो कुछ समय बाद छूट भी सकती है.