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अलार्म: दिल्ली में जहरीले स्मॉग के हमले से क्या बचा सकता है मास्क?

धुंध, कोहरे और स्मॉग के ट्रिपल अटैक से राजधानी और आस-पास के इलाके कराह रहे है। जहरीले स्मॉग ने सांस लेना तक मुश्किल कर दिया है।

Updated on: 09 Nov 2017, 10:55 PM

नई दिल्ली:

धुंध, कोहरे और स्मॉग के ट्रिपल अटैक से राजधानी और आस-पास के इलाके कराह रहे है जहरीले स्मॉग ने सांस लेना तक मुश्किल कर दिया है

हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि दिल्ली में कंस्ट्रक्शन साइट बंद हो चुके है स्मॉग में जहरीले गैस का मिश्रण होने से कई गंभीर बीमारियों के होने का खतरा है ऐसे में लोग इस जहरीली हवा से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल कर रहे है, लेकिन क्या मास्क आपको बचा सकता है?

मास्क चुनते समय सावधानी बरतें मास्क के सहारे आप प्रदूषण के नुकसान को खत्म नहीं कर सकते लेकिन आप कुछ हद तक इसे रोक सकते है।

यह धुंध 'स्मॉग' है, जो स्मोक और फॉग से मिलकर बना है। स्मॉग खतरनाक गैसों और कोहरे से मिलकर बनता है। हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि इसकी गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है 

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कैसे करता है काम मास्क?

मास्क भी अलग प्रकार के होते है। कई मास्क ऐसे होते है जिन्हे एक बार इस्तेमाल करने के बजाए दोबारा इस्तेमाल नहीं कर सकते। मास्क की अलग कीमतें बाजार में उपलब्ध है।

सर्जिकल मास्क की कीमत 20 रुपये है, N95 और N95 मास्क 300 रुपये के आ रहे हैं वहीं ब्रांडेड मास्क 2000 रुपये तक के आ आ रहे हैं। साथ ही एयर प्योरिफायर भी 5,000 से लेकर 20,000 रुपये तक आ रहे हैं।

मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि सामान्य मास्क ज्यादा मददगार साबित नहीं होता है मास्क को लेकर कोई गुणवत्ता तय नहीं है।

देश के प्रमुख श्वास-रोग विशेषज्ञों में से एक गुलेरिया ने कहा, 'हम सभी को यह समझने की जरूरत है कि एन 95 मास्क और पॉलिशन मास्क (एयर प्यूरीफायर) लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकते और न ही पूरी तरह से प्रभावी हैं।

प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए गुलेरिया ने दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण संबंधी बीमारियों के कारण लगभग 30,000 अनुमानित मौतों का संकेत दिया है।

एन 95 मास्क और एयर प्यूरीफायर की बिक्री पिछले कुछ दिनों में प्रदूषण के कारण बढ़ गई है।' एन95 मास्क एक श्वसन यंत्र (रेस्पिरेशन सिस्टम ) हैं, जो नाक और मुंह को कवर करता है।

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