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ब्लड प्रेशर नहीं फिर भी 20 फीसदी लोग गलतफहमी में खा रहे हैं दवाई, शोध में हुआ खुलासा

करीब 20 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो उच्च रक्तचाप के लिए दवा तो ले रहे हैं लेकिन वह इससे ग्रसित नहीं है। एक स्टडी में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

Updated on: 22 Mar 2017, 10:17 AM

नई दिल्ली:

करीब 20 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो उच्च रक्तचाप के लिए दवा तो ले रहे हैं लेकिन वह इससे ग्रसित नहीं है। एक स्टडी में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। शोध के मुताबिक ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कई बार डॉक्टर रोग का पता लगाने के लिए मैन्यूअल उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं।

कनाडा के यूनिवर्सिटी डे मोंटरियाल के प्रोफेसर और लेखक जैन्यूस कैकजोरवोस्की के मुताबिक, करीब 20 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो उच्च रक्तचाप का इलाज ले रहे हैं लेकिन उन्हें इसकी समस्या है ही नहीं और न ही उन्हे दवा लेने की जरूरत है। ऐसा केवल इसलिए हुआ क्योंकि उनका रक्तचाप ठीक तरह से नहीं मापा गया।

एक जर्नल कैनेडियन फैमिली फिजिशियन में छपे सर्वे के मुताबिक आधे से ज्यादा डॉक्टर वैसे उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं जो आज की तकनीक के लिहाज से पुराने पड़ चुके हैं और इसलिए यह गड़बड़ी हो रही है।

कनाडा के फैमिली डॉक्टर्स पर 2016 में हुए इस सर्वे से खुलासा हुआ कि 769 डॉक्टरों में करीब 52 प्रतिशत पुराने हाथ से उपयोग में लाए जाने वाले उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे थे। जबकि केवल 43 फीसदी आज के ऑटोमेटिक डिवाइस का उपयोग कर रहे हैं।

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कैकजोरवोस्की के अनुसार डॉक्टरों को ऑटोमेटिक उपकरणों का इस्तेमाल ही करना चाहिए। कैकजोरवोस्की का मानना है कि इससे गलतियों की आशंका कम हो जाती है। खासकर, उन विशेष परिस्थितियों में जब किसी खास कारण से रक्तचाप थोड़ा बढ़ जाता है। इसके लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। मसलन, कोई डॉक्टर के केबिन में बैठा हो या किसी से बात करते हुए उसका रक्तचाप बढ़ सकता है।

ऑटोमेटिक उपकरणों के इस्तेमाल में यह कारक खत्म हो जाते हैं। साथ ही कई मामलों में अच्छी दिनचर्या, पोष्टिक आहार, कसरत और शराब, तंबाकू आदि पर नियंत्रण से अपने आम रक्तचाप सामान्य किया जा सकता है। साथ ही स्वास्थ्य भी बेहतर रखा जा सकता है।

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