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किराए का घर हो सकता है आपके 'डिप्रेशन' की वजह

किराए का घर आपकी जेब को नुक्सान पहुंचाने के साथ-साथ दिमागी सेहत को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

Updated on: 06 Jul 2017, 08:35 AM

नई दिल्ली:

ज्यादा तनाव और गलत जीवन शैली डिप्रेशन होने के कारण है लेकिन क्या आपको पता है कि आपका किराए का घर भी डिप्रेशन की ओर धकेल सकता है। किराए का घर आपकी जेब ढीली करने के साथ-साथ दिमागी सेहत पर भी बुरा असर डाल सकता है।

लंदन में हाल ही में हुए रिसर्च में चौंका देने वाला खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं ने पाया कि ज्यादा समय तक किराए के घर में रहने वाले लोगों में अपना घर होने वालों के मुकाबले डिप्रेशन तेजी से बढ़ता है। 

घर खरीदना किसी के जीवन में विकास का अहम पड़ाव माना जाता है। यह व्यक्ति को लंबी अवधि में मानसिक सुरक्षा प्रदान करता है। हालांकि लंदन में ज्यादा कीमतों के कारण युवा पीढ़ी के लिए घर खरीदना मुश्किल है। 

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लंदन की यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के शोधकर्तओं ने 50 साल की उम्र के 7500 लोगों को शामिल किया गया जिसमे पाया गया कि जो लोग किराए के घर में रहते है उनमें डिप्रेशन होने की संभावना बढ़ जाती है जो कि आगे उनके जीवन पर बुरा असर डाल सकता है। 

शोधकर्ताओं ने पाया कि किराये पर रहने और अपना मकान खरीदने से मानसिक स्वास्थ्य पर बुराअसर पड़ता है। इसमें यह भी पाया गया कि व्यक्ति को कितने समय किराये पर रहना पड़ा और कितने साल से वह अपने घर में रह रहा है इन बातों का भी उसकी मानसिक सेहत पर असर पड़ता है। जितना ज्यादा कोई व्यक्ति किराये के घर में रहता है उतना ही उसके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है

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