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'एलईडी की नीली रौशनी से स्तन, प्रोस्टेट कैंसर का खतरा'

आउटडोर एलईडी स्क्रीन्स से निकलनेवाली नीली रौशनी से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

Updated on: 29 Apr 2018, 01:36 PM

ऩई दिल्ली:

आउटडोर एलईडी स्क्रीन्स से निकलनेवाली नीली रौशनी से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय शोधकर्ताओं के एक दल ने यह निष्कर्ष निकाला है। ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटेर और बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ (आईएसग्लोबल) ने मैड्रिड और बार्सिलोना में 4,000 लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया कि जो लोग लेड की रौशनी में ज्यादा रहते हैं, उन्हें ऐसी रौशनी में कम रहने वालों की तुलना में स्तन और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा डेढ़ गुना बढ़ जाता है।

यह शोध एनवायर्नमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव्स नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इसमें पाया गया कि एलईडी लाइट्स से निकलनेवाली 'नीली रौशनी' शरीर की जैविक घड़ी को प्रभावित करती है, जिससे नींद का पैटर्न बदल जाता है। इससे जिस्म में हार्मोन के स्तर पर असर होता है। 

स्तन और प्रोस्टेट कैंसर दोनों हार्मोन से जुड़ी खराबी के कारण होते हैं। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन की अंतर्राष्ट्रीय कैंसर शोध एजेंसी (आईएआरसी) ने मनुष्यों के लिए रात की पाली में काम करने को कैंसर का खतरा बताया है। 

ईएसग्लोबल की शोधार्थी और अध्ययन की संयोजक मेनोलिस कोजेविन्स ने बताया, 'इस शोध में हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि शहरों में रात में रौशनी में रहने से कहीं इन दोनों तरह के कैंसर के विकास का संबंध तो नहीं है।'

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