बॉडी बिल्डिंग में मदद करता है व्हे प्रोटीन, इस समस्याओं से दिलाएगा निजात
व्हे प्रोटीन को 'संपूर्ण प्रोटीन' की संज्ञा दी जाती है। व्हे प्रोटीन एक्सरसाइज के दौरान टूटी मसस्ल को रिपेयर करने में मदद करता है।
नई दिल्ली:
जिम में घंटो पसीना बहाने के बाद अक्सर लोगों को व्हे प्रोटीन लेने की सलाह दी जाती है। दरअसल व्हे प्रोटीन को 'संपूर्ण प्रोटीन' की संज्ञा दी जाती है। व्हे प्रोटीन एक्सरसाइज के दौरान टूटी मसस्ल को रिपेयर करने में मदद करता है।
चीज बनाने के दौरान जो पानी बचता है उसे व्हे कहा जाता है। इसी पानी को प्रोसेस कर इसमें से प्रोटीन निकाला जाता है।जिसे व्हे प्रोटीन कहा जाता हैं। इसमें शरीर के लिए जरुरी सभी प्रकार के एमीनो एसिड पाए जाती है। इसमें मौजूद ल्युसिन मसल्स सिंथेसिस को बनाने में मदद करता है।
प्रोटीन की मात्रा और प्रकार
व्हे प्रोटीन तीन प्रकार के होते है। कंसन्ट्रेट, आइसोलेट और हाइड्रोलिसेट। लोगों के बीच आइसोलेट व्हे प्रोटीन बहुत पॉपुलर है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रोटीन लेने की सही मात्रा की जानकारी होना भी बहुत जरुरी होता है। उदाहरण के तौर पर अगर आपके शरीर को 200 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता है तो 120 ग्राम खाने-पीने और 80 ग्राम प्रोटीन पाउडर से लेना होगा।
- कंसन्ट्रेट प्रोटीन में 70 से 85 फीसदी व्हे होता है हालांकि इसमें कोई फ्लेवर नही होता है इसलिए लोगों को ये खास पंसद नहीं आता। पर जिन्हें लेक्टो़ज़ इनटॉलरेंस की समस्या है उनके लिए यह प्रोटीन बेहतर होता है। अगर आपने नया-नया जिमिंग करना शुरू किया है तो भी ये प्रोटीन आपके लिए बेहतर है क्योंकि इसमें मौजूद कार्ब और फैट जरुरी पोषण देते हैं।
- आइसोलेट प्रोटीन में 90 फीसदी तक व्हे होता है। ये प्रोटीन उन लोगों के अच्छा होता है जो लीन बॉडी बनाना चाहते हैं। इस प्रोटीन में फैट के साथ-साथ कार्ब भी ना के बराबर ही होता है। ये प्रोटीन उन लोगों के लिए भी लाभदायक होता है जो प्रोफेशनल तौर पर बॉडी बिल्डिंग करना चाहते है।
- व्हे प्रोटीन में हाइड्रोलिसेट सबसे मंहगा होता है। हालांकि ये असर बहुत तेजी से करता है। ये व्हे प्रोटीन प्री डाईजेस्टेड होता है। यह पाचन की प्रकिया को आसान बनाने के साथ-साथ आंतों में तेजी से एबजॉर्ब भी हो जाती है। इसके सेवन से एलर्जी प्रतिक्रिया का खतरा कम हो जाता है।
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व्हे प्रोटीन के फायदे
व्हे प्रोटीन में पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल गुण पाये जाते हैं। ये दिल की बिमारियों, कैंसर और दूसरी कई प्रकार के रोगों से भी दूर रखने में मदद करते है।
यह कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रण में रखता है। इससे मोटापा कम करने में भी मदद मिलती है और हाई ब्लड प्रेशर भी नियत्रंण में रखता है। जिल लोगों को डायबिटीज की समस्या है व्हे प्रोटीन उनके लिए भी अच्छा माना जाता है।
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व्हे प्रोटीन के नुकसान
व्हे प्रोटीन के सेवन से हालांकि कोई नुकसान नहीं होता है। पर आवश्यकता से अधिक सेवन करने आपकी सेहत को कई तरह के नुकसाान पंहुचा सकता है।
पेट का फूल जाना, ज्यादा प्यास, भूख घटना, थकान और सिरदर्द आदि की शिकायत के अलावा लीवर पर बुरा असर पड़ता है।
व्हे प्रोटीन का सेवन पानी के साथ करना ज्यादा बेहतर माना जाता है। पानी में यह प्रोटीन आसानी से घुल जाता है। एक्सरसाइज के तुरंत बाद अगर आप ये प्रोटीन लेना चाहते है तो पानी में ही लें। अगर आप ये प्रोटीन दूध में लेना चाहते है तो वर्कआउट के बाद नहीं बल्कि उल्टे समया यानि वर्कआउट सुबह तो प्रोटीन शाम में लें।
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