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केरल में बाढ़ के बाद जलस्तर घटने पर महामारी का खतरा, भूलकर भी न करें ये गलतियां

केरल में आई सदी की सबसे विनाशकारी बाढ़ से अब तक 370 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लाख लोग बेघर हो चुके हैं।

Updated on: 21 Aug 2018, 09:18 AM

मुंबई:

केरल में आई सदी की सबसे विनाशकारी बाढ़ से अब तक 370 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लाख लोग बेघर हो चुके हैं। हालांकि, बारिश धीमी होने और जलस्तर घटने से अब राज्य में संक्रामक बीमारियों के प्रकोप का खतरा मंडराने लगा है। हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि बाढ़ की शुरुआत के बाद संक्रामक बीमारियों और उनके संचरण का प्रकोप दिन, हफ्ते या महीने के भीतर हो सकता है।

बाढ़ के दौरान और बाद में सबसे आम स्वास्थ्य जोखिमों में से एक है, जल स्रोतों का प्रदूषण। ठहरा हुआ पानी मच्छरों के लिए प्रजनन स्थल बन जाता है, इस प्रकार वेक्टर-जनित बीमारियों की संभावना में वृद्धि होती है।

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डॉक्टर ने कहा, 'संक्रमण, जो बाढ़ के बाद महामारी के रूप में ले सकता है, वह है लेप्टोस्पायरोसिस। बाढ़ से चूहों की संख्या में वृद्धि हो जाती है। उनके मूत्र में लेप्टोस्पायर की बड़ी मात्रा होती है, जो बाढ़ वाले पानी में मिल जाती है। इसके अलावा, वापस लौटते पाने से मच्छरों की तादाद बढ़ जाती है। बाढ़ के कारण कुछ अन्य विनाशकारी घटनाएं भी होती हैं, जैसे डूबने, मैनहोल में गिरने के कारण चोटें और बिजली के तारों का पानी में डूब जाना, जिससे पानी में बिजली आ जाती है और लोगों को झटका लग जाता है।'

डॉ. अग्रवाल ने बताया, 'बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए सरकारी और व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास होने चाहिए। सरकारी स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल वितरण के स्तर में सुधार करना महत्वपूर्ण है। लोगों को स्वच्छता और हाथ धोने की तकनीक के बारे में शिक्षित करने के लिए भी एक प्रणाली होनी चाहिए।'

उन्होंने कहा, 'सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि पीड़ितों को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में साफ पानी, स्वच्छता की सुविधाएं और उपयुक्त आश्रय प्रदान किए जाएं।'

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डॉ. अग्रवाल ने कुछ सुझाव दिए, 'बाढ़ के पानी में न तो घूमें और न ही उसमें होकर गुजरें, क्योंकि इसमें सीवेज और मलबा होता है। यह उन लोगों के मामले में अधिक घातक है, जो पहले से कमजोर हैं, जैसे मधुमेह रोगी, बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग। संक्रमित होने के जोखिम से बचने के लिए चोट या घाव वाले स्थान को बाढ़ के पानी से दूर ही रखें। इसके अतिरिक्त, इन घावों को साफ पानी से साफ करें और ड्रेसिंग करें।'

उन्होंने कहा, 'क्षतिग्रस्त सामग्री, बाढ़ के पानी या मिट्टी के संपर्क में आने पर या वाशरूम में जाने के बाद अपने हाथ साबुन और पानी से अवश्य धोएं। गंदे हाथों से खाना न छूएं। यदि आपने भोजन किया है, तो बर्तनों को धो लें और ब्लीच सॉल्यूशन से साफ करें। खाद्य सामग्री को जल्द से जल्द उपयोग कर लें। इस्तेमाल से पहले पानी उबालना न भूलें।'

बाढ़ से मची तबाही से जूझ रहे केरल की मदद के लिए लोग सामने आ रहे हैं। कुछ लोग नौकरी छोड़कर बचाव कार्य में जुटे हुए हैं तो किसी ने अपनी महीनेभर की सैलरी राहत कोष में दान कर दी है। फिल्म इंडस्ट्री की दिग्गज हस्तियों ने भी राज्य की मदद के लिए दान देने का आग्रह किया है।

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बता दें कि केरल सरकार ने बाढ़ से कुल 19,500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया है।