logo-image

पिछले दो सालों से 'हुकवर्म' ने 14 वर्षीय किशोर का चूसा 22 लीटर खून, डॉक्टर भी हुए हैरान

14 साल के एक किशोर को पिछले दो सालों से खून की कमी की शिकायत थी और जब इसके पीछे का कारण जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे।

Updated on: 12 Jan 2018, 03:37 PM

नई दिल्ली:

14 साल के एक किशोर को पिछले दो सालों से खून की कमी की शिकायत थी और इसके पीछे का कारण जानकर आप हैरान हो जाएंगे

बार-बार खून की कमी के कारण 14 वर्षीय किशोर एनीमिया का शिकार हो रहा था जब इसकी जांच हुई तो पता चला कि हुकवर्म ने उस किशोर के शरीर से 22 लीटर खून चूस लिया था जिसके कारण शरीर के अंदर बार-बार खून की कमी की शिकायत होने लगी

इसके बाद कैप्सूल एंडियोस्कोपी से वह ठीक हुआ। खास बात यह रही कि उसकी कोई सर्जरी नहीं हुई।

सर गंगा राम अस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डॉक अरोड़ा ने कहा, 'कई टेस्ट करवाने के बावजूद भी कारणों का पता नहीं चल पा रहा था। इन विभिन्न टेस्ट में एनोफैग्गोस्टोस्टोडोनोस्कोपी (ईजीडी), कॉलोनोस्कोपी और पहले किए गए आंतों के रेडियोग्राफी शामिल थे। खून की कमी के कारण किशोर का हीमोग्लोबिन सिर्फ 5.86 था।'

आगे उन्होंने कहा, 'गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लडिंग (ओजीआईबी) को देखते हुए, हमने कैप्सूल एन्डोस्कोपी की। परिणामों ने हमें चौंका दिया। हमने देखा कि बच्चे की छोटी आंत में कई सक्रीय हुकवर्म खून चूस रहे थे।'

कैप्सूल एन्डोस्कोपी एक ऐसी प्रक्रिया है जो पाचन तंत्र की तस्वीरें लेने के लिए एक छोटे वायरलेस कैमरा का उपयोग करती है। एंडोस्कोपी कैमरा विटामिन आकार के कैप्सूल के अंदर होता है जिसे रोगी द्वारा निगला जाता है।

और पढ़ें: नाइट शिफ्ट महिलाओं के लिए खतरनाक, हो सकता है कैंसर

एंडोस्कोपी में पता चला कि कुछ हुकवर्म अंदर खून चूस रहे थे। वहीं आंत के कोने में मौजूद सफेद रंग के हुकवर्म ने अभी तक खून नहीं चूसा था। इलाज के बाद 14 वर्षीय किशोर का हीमोग्लोबिन 11 ग्राम / डीएल तक बढ़ गया

सर गंगा राम अस्पताल में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग द्वारा संक्रामक रोगों और थेरेपी के जर्नल में प्रकाशित एक हालिया केस स्टडी ने पता लगाया है कि हुकवर्म शरीर में खून कम कर नुकसानदेह हो सकते है।

हुकवर्म शरीर में गंदे पानी के जरिये घुसते है इसलिए हमेशा साफ़ पानी या उबला हुआ पानी पिए खाने खाने से पहले और बनने से पहले हमेशा हाथ धो लें

और पढ़ें: ठिठुरन भरी ठंड में बढ़ता है ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा