विटामिन डी से भरपूर आहार, बच्चों में घटाए कोलेस्ट्रॉल का स्तर
विटामिनट डी को आहार से लेने के अतिरिक्त कई देशों में सामान्य आबादी के लिए विटामिन डी के पूरक उपयोग की भी सिफारिश की जाती है।
लंदन:
विटामिन डी से भरपूर आहार से बच्चों में कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। इससे दिल संबंधी बीमारियों से जुड़े दूसरे जोखिम कारकों पर भी लाभदायक असर पड़ता है।
शोध में कहा गया है कि जिन बच्चों में विटामिन डी का स्तर 80 एनएमओएल/एल (प्रति लीटर नैनोमोल) से ज्यादा होता है, उनमें 50 एनएमओएल/लीटर से कम विटामिन स्तर वाले बच्चों की तुलना में लोअर लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) या बुरा कोलेस्ट्रॉल स्तर होता है।
50एनएमओएल/लीटर को विटामिन डी पर्याप्तता की सीमा माना जाता है।
इस शोध का प्रकाशन जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्राइनोलॉजी एंड मेटाबोल्जिम में किया गया है।
और पढ़ें: सावधान! डिप्रेशन की बड़ी वजह बन रही है सोशल मीडिया, शोध में हुआ खुलासा
इसमें ईस्टर्न फिनलैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने करीब 500 बच्चों के आंकड़ों का विश्लेषण किया है। इनकी आयु छह से आठ साल रही।
शोधकर्ताओं ने कहा कि विटामिन डी को बोन मेटाबोल्जिम (हड्डी उपापचय) के लिए जरूरी माना जाता है।
इसके कम सीरम स्तर से रिकेट्स, अस्टियोमालासिया और अस्टियोपेनिया का खतरा बढ़ जाता है।
शोध में कहा गया है कि जीवन में विटामिन डी के उत्पादन के लिए स्वस्थ आहार, शारीरिक गतिविधि और खुले में समय बिताने से विटामिन डी का उत्पादन त्वचा में बढ़ता है, यह विटामिन डी के उच्च सीरम स्तर और कम प्लाज्मा लिपिड स्तर से जुड़े हो सकते हैं।
आहार में विटामिन डी के कुछ प्रमुख स्रोत डेयरी उत्पाद व मछली है।
विटामिनट डी को आहार से लेने के अतिरिक्त कई देशों में सामान्य आबादी के लिए विटामिन डी के पूरक उपयोग की भी सिफारिश की जाती है।
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य